Kota News, कोटा:  आज चंद्र ग्रहण है और आज के दिन चंद्रमा और सूरज के बीच पृथ्वी आ जाती है, जिसकी वजह से चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती है. ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट्ट बंद हो जाते हैं. किसी किस्म की पूजा-अर्चना नहीं की जाती, लेकिन कोटा के श्रीकुलम शक्ति पीठ में ग्रहण के दौरान मात्रोंचरण चल रहा है. 


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श्रीकुलम शक्ति पीठ की पाठाशेवर मां नीतिअंबा की माने तो यह 21वीं सदी का आखरी चंद्र ग्रहण है और इसे कष्ट कारक है. जब हम पर कष्ट आता है तो हम ईश्वर की आराधना करते हैं. चंद्रमा को देवता माना गया है, जब देवता पर कष्ट आता है तो बिना मूर्ति को स्पर्श किए आराधना करनी होती है.


अग्नि का समावेश नहीं होता सिर्फ मंत्रों के साथ ही इस दौरान पूजा करनी होती है और इस दौरान सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए. नीति क्रियाओं से दूर रहना चाहिए. 


सूतक लगने के बाद कुछ भी खाने-पीने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इस ग्रहण के दौरान सूक्ष्म जीव ज्यादा पहपते हैं, जो किसी भी भोजन को जहर में तफदील कर देता है इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी अवश्य रखनी चाहिए. 


जानकारी के अनुसार, खगोलीय घटना यानि देश में ग्रहण की अवधि दो घंटे 09 मिनट की अवधि रहेगी. दोपहर 3.46 से शाम 5.12 बजे तक ग्रहण की खग्रास स्थिति रहेगी. पूर्वी भाग स्थित राज्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, अरूणाचल प्रदेश में खग्रास रूप में दिखेगा. अन्य राज्यों में यानि राजस्थान में चंद्रमा खंडग्रास की स्थिति में उदय होगा.