Kota: खेलते हुए करंट की चपेट में आई 4 साल की मासूम बच्ची, इलाज के दौरान हुई मौत
Kota News: करंट की चपेट में आने से 4 वर्षीय बालिका की मौत हो गई. गड़रिया लोहार परिवार की 4 साल की मासूम पायल खेलते हुए करंट की चपेट में आ गई, इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
Kota: करंट की चपेट में आने से शुक्रवार को 4 वर्षीय मासूम बालिका की मौत हो गई. सड़क पर रहने वाले गड़रिया लोहार परिवार की 4 साल की मासूम पायल खेलते हुए करंट की चपेट में आ गई, इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया गया, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. कोटा का विकास लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. यूआईटी के द्वारा सड़क निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, जिसकी वजह से चार वर्षीय मासूम करंट की चपेट में आ गई और उसकी जान चली गई.
यह भी पढ़ें- जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भालू झूमरी ने दिया बच्चे को जन्म, उमड़े पर्यटक
परिजनों एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर एकत्रित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया सूचना पर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी पीड़ित परिवार का आरोप है कि निजी बिजली वितरण कंपनी KEDL और यूआईटी की लापरवाही की वजह से उनकी बच्ची की मौत हो गई है. पीड़ित परिवार 10 लाख के मुआवजे की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर बैठ गया पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल मौके पर पहुंचे और परिवारजनों को सांत्वना दी.
यह भी पढ़ें- राष्ट्रीय बजरंग दल की मांग- श्रद्धा मर्डर जैसे मामलों और लव जिहाद के खिलाफ बने कानून
प्रहलाद गुंजल ने कहा कि इस मौत के लिए सरकार और कोटा से मंत्री को जिम्मेदार ठहराया प्रल्हाद गुंजल ने आरोप लगाया कि मंत्री जी आपके इस अनियोजित विकास की भेंट लगातार कोटा की जिंदगियां चढ़ रही हैं. गुंजल ने बताया कि ठेकेदार से बातचीत कर 3 लाख के मुआवजे पर सहमति बनी और ठेकेदार ने परिजनों को नगद 3 लाख रुपए बतौर मुआवजे के दिए. मृतक बालिका के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.
Reporter- KK Sharma
यह भी पढ़ें- कॉलेज में कार्यालय आवंटित ना होने पर छात्राओं ने प्रिंसिपल ऑफिस में जड़ दिया ताला