Kota: देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक National Eligibility cum Entrance Test- NEET परीक्षा में हर साल करीब 15 लाख छात्र-छात्रा शामिल होकर डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं. उन छात्रों के लिए शिक्षा की काशी कहा जाने वाला कोटा शहर उनके सपनों की उड़ान को साकार भी करता है. क्यूंकि हर साल मेडिकल के नतीजों में टॉप रैंक्स से लेकर ओवर ऑल नतीजों में कोटा सबसे ऊपर होता है. वजह यहां का एजुकेशन पैटर्न और यहां फैकेल्टी है. इन्हीं के बीच से हम आपके लिए लेकर आये हैं कुछ ऐसी खास बाते जो आपके नतीजों को अच्छा खासा इम्प्रूव कर सकती हैं. आपको आपके सपने के काफी करीब लाकर खड़ा कर सकती हैं.


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अक्सर ऐसा देखा जाता है कि स्टूडेंट अपने कॉम्पिटेटिव एग्जाम के कुछ दिनों पहले अपना आधे से ज्यादा समय स्ट्रेस लेने में ही खराब कर देते हैं, जिससे उनके इंस्टीट्यूट में होने वाले टेस्ट में भी उनकी परफॉर्मेंस इतनी अच्छी देखने को नहीं मिलती और परफॉर्मेंस का ग्राफ एक जगह आकर रुक सा जाता है. अगर इसी समय को विद्यार्थी स्ट्रेस लेने की जगह सही तरीके से पढ़ने में लगाए तो वो कई हजारों लाखों बच्चों को पीछे छोड़ सकता है. इसके लिए कुछ जरुरी चीजों का ध्यान रखना चाहिए.


कोचिंग एक्सपर्ट और केमेस्ट्री फैकलटी प्रियांश सोगानी सर (PS-SIR) ने ज़ी मीडिया के साथ अपने हजारों स्टूडेंट्स और सालों के अनुभव के साथ साझा किए कुछ खास ट्रिक्स.


Early Start: जितना जल्दी निराश न होकर अपनी पूरी ऊर्जा और क्षमता के साथ पढ़ना शुरू करेंगे उतना ही आप आगे बढ़ते चले जाएगा.


Complete Whole Syllabus: कुछ स्टूडेंट मन बना चुके होते हैं कि समय के अनुसार कौन से टॉपिक उन्हें छोड़ने है और कौनसे उन्हें पढ़कर जाने हैं. अगर आप एक अच्छे GOVT COLLEGE का सपना देख रहे तो नीट में सबसे जरुरी है. किसी भी टॉपिक को न छोड़कर पूरा SYLLABUS कम्प्लीट करना चाहिए.


Select TOPICS: पूरा सेलेबस कम्प्लीट करने के लिए स्टूडेंट को उनके STRONG और WEAK टॉपिक्स की लिस्ट बनानी चाहिए जिसमें WEAK टॉपिक्स की एक्स्ट्रा QUESTION PRACTICE करनी चाहिए.


Solve PYQ: स्टूडेंट्स को अपने नोट्स के साथ ज्यादा से ज्यादा प्रीवियस ईयर QUESTION SLOVE करने चाहिए क्यूंकि नीट में 80 से 90 प्रतिशत पेपर पहले आए हुए QUESTION के ऊपर बेस्ड होता है.



दिमाग से डर को निकाले क्यूंकि डर के आगे जीत...नीट का पेपर ईजी या मीडियम लेवल का ही होता है तो सबसे पहले तो दिमाग से डर निकाल देना चाहिए के पेपर टफ हो सकता है. पेपर लेंदी हो सकता है. मगर टफ बिलकुल नहीं होगा तो जरुरत है कि एक सकारात्मक सोच के साथ एग्जाम हॉल और एग्जाम टेबल तक पहुंचने की और नतीजे आपके मुताबित होंगे.


Report: Himanshu Mittal


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