Kota: नई दिल्ली और दौसा के बीच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (Delhi-Mumbai Expressway) का काम 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है. मई तक यह काम पूरा हो जाएगा जिसके बाद इस मार्ग को परिवहन के लिए प्रारंभ कर दिया जाएगा. इससे नई दिल्ली से जयपुर (Delhi To Jaipur) महज ढाई घंटे में पहुंचा जा सकेगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) द्वारा राजस्थान में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के कार्यों की समीक्षा बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

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अधिकारियों ने बताया कि अगले वर्ष फरवरी तक राजस्थान में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का सारा काम पूरा होने की संभावना है. इसके बाद कोटा और दिल्ली (Kota To Delhi) की दूरी भी 4 घंटे में तय हो सकेगी. इस एक्सप्रेस-वे के बनने से सबसे अधिक लाभ सवाई माधोपुर (Sawai madhopur News) और बूंदी (Bundi News) को मिलेगा. यह दोनों जगह पर्यटन के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हैं. राजस्थान (Rajasthan News) में 374 किमी लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर 16557 करोड़ रूपए खर्च होंगे.


अमृतसर-जामनगर कोरिडोर का काम भी तेज
अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर (Amritsar-Jamnagar Corridor) का भी 637 किमी लंबा हिस्सा राजस्थान से गुजरेगा. इस पर 14707 करोड़ रुपए खर्च होंगे. राजस्थान में सम्पूर्ण भाग में निर्माण कार्य जारी है. बीकानेर से पचपदरा तक 277 किमी लंबे भाग का कार्य जून 2022 तक पूरा हो जाएगा. 


चम्बल एक्सप्रेस-वे अब अटल प्रोग्रेस-वे
इटावा से कोटा तक बन रहे अटल प्रोग्रेस-वे (Atal Progress-Way) की डीपीआर तैयार करने का काम भी तेजी से जारी है. पहले इस प्रोजेक्ट को चंबल एक्सप्रेस-वे (Chambal Expressway) नाम दिया गया था. इस प्रोजेक्ट पर करीब 10600 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यह कोटा में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से प्रारंभ होकर इटावा में जाएगा तथा राजस्थान में कोटा, मध्यप्रदेश में भिंड-मुरैना तथा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) में इटावा को जोड़ेगा. यह कानपुर जाने के लिए भी वैकल्पिक मार्ग की सुविधा देगा.


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राजस्थान में बन रहे 2250 किमी हाइवे
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राजस्थान में 46268 करोड़ की लागत से 2550 किमी लंबे हाइवे, एक्सप्रेस-वे और इकॉनोमिक कॉरिडोर का निर्माण करवा रहा है. यह सभी प्रोजेक्ट 2023 के अंत तक पूरे होने की संभावना है. प्रदेश में 18056 करोड़ की लागत से 788 किमी हाइवे, 4958 करोड़ की लागत से 267 किमी लंबे इंटरनल कॉरिडोर तथा 855 करोड़ की लागत से करीब 37 किमी लंबे नेशनल कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है.