अधिकारी छुट्टी पर, जनप्रतिनिधि भी नदारद, महज खानापूर्ति बना शिविर
नगर पालिका की ओर से चल रहे शिविरों में महज खानापूर्ति की जा रही है, जिसके चलते लोगों को इन शिविरों का कोई लाभ नहीं मिल रहा बल्कि शिविरों के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग जरूर हो रहा है.
Sangod: प्रशासन गांव के संग अभियान का आयोजन कर राज्य सरकार आमजन को राहत के दावे कर रही है, इसके उलट सांगोद में नगर पालिका राज्य सरकार की मंशा को पलीता लगा रही है. हालत यह है कि यहां नगर पालिका की ओर से प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर तो आयोजित हो रहे है, लेकिन न तो अधिकारी पहुंच रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि.
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नगर पालिका की ओर से चल रहे शिविरों में महज खानापूर्ति की जा रही है, जिसके चलते लोगों को इन शिविरों का कोई लाभ नहीं मिल रहा बल्कि शिविरों के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग जरूर हो रहा है. कुछ ऐसा ही नजारा फिर वार्ड 4 और 14 के शिविर में नजर आया. अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मालव व कनिष्ठ अभियंता तरूण कुमार लहरी बीते कई दिनों से अवकाश पर है.
वहीं इन शिविरों में पालिकाध्यक्ष कविता गहलोत भी नहीं पहुंच रही. ऐसे में शिविर कर्मचारियों के भरोसे चल रहे हैं. अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के शिविर में मौजूद नहीं रहने से लोगों के कोई काम नहीं हो रहे हैं. लोग शिविरों में पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ रहा है. भाजपा पार्षद और कार्यकर्ताओं ने भी नगर पालिका प्रशासन के शिविर आयोजन के रवैए पर नाराजगी जताई.
नहीं मिल रहा शिविरों का लाभ
पार्षद निशा सोनी ने बताया कि शिविर में महज तीन कर्मचारी मौजूद रहें ना कोई अधिकारी पहुंचा ना पालिकाध्यक्ष. आमजन समस्याओं से त्रस्त है तो नगर पालिका शिविर के नाम पर महज खानापूर्ति कर रही है. लोगों को पट्टे नहीं मिल रहे और नाहीं वार्डों की समस्याओं का समाधान हो रहा है. लोग बड़ी उम्मीद में पहुंच रहे है, लेकिन बिना अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के कैंपों में कोई काम नहीं हो रहा है, सिर्फ खानापूर्ति कैंप लगाए जा रहे हैं.
Reporter: Himanshu Mittal