Kota : उदयपुर में हुई घटना के विरोध में गुरुवार को कोटा का सांगोद बंद सफल रहा. हिंदू संगठनों के आह्वान पर शहर की अधिकांश दुकानें सुबह से ही बंद रही. मुख्य बाजारों समेत गलियों में भी गिने-चुनी दुकानें ही खुली रही. दोपहर बाद सर्व हिंदू समाज की ओर से एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद दुकानें खुलना सुरू हुई.


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लेकिन इस दौरान भी तेज बारिश के चलते कुछ ही दुकानें खुली. ज्यादातर दुकानें शाम तक बंद रही. वहीं बंद के दौरान पुलिस एवं प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क रहा. सुबह से दोपहर तक पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी बाजारों में घूमते नजर आए. बंद को लेकर बुधवार रात को ही हिंदू संगठनों और इससे जुड़े कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने बाजारों में घूम कर लोगों से बंद का आह्वान किया था. बंद के दौरान पुलिस और प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती. मुख्य मार्गों पर पुलिस ने ड्रोन से निगरानी रखी. 


आसपास के थानों के पुलिस कर्मियों के साथ ही कोटा से भी पुलिस के अतिरिक्त जवान सांगोद पहुंचे थे. कोटा से भी अतिरिक्त जिला कलक्टर राजकुमार सिंह, एडीशनल एसपी सीताराम प्रजापत, पारस जैन भी सांगोद पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों के साथ शहर के मुख्य मार्गो पर भ्रमण कर हालातों का जायजा लिया. इससे पूर्व सुबह एसडीएम अंजना सहरावत, पुलिस उपअधीक्षक रामेष्वर परिहार, थानाधिकारी राजेश सोनी, तहसीलदार नईमुददीन आदि अधिकारियों ने भी शहरा में फ्लैग मार्च निकाला और बंद का जायजा लिया.


दोपहर बाद सर्व हिंदू समाज लोग बड़ी संख्या में चैतन्य हनुमान मंदिर परिसर में जमा हुए और लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ये पाकिस्तान और कट्टरवादी संगठन की निर्धारित साजिश है, जिसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है. हमले के पहले ही शिकायत देने के बाद भी प्रशासन और सरकार ने सहयोग नहीं किया और कन्हैया लाल की सुरक्षा हटाकर आतंकी से समझौता करा दिया गया. जिससे आतंकी के हौसले बुलंद हुए और कन्हैयालाल की हत्या कर दी गयी. बैठक के बाद एसडीएम अंजना सहरावत को ज्ञापन सौंपा गया और आतंकवाद का पुतला फूंका गया.


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