Rajya sabha Election: यूपीए की पूर्व चेयरपर्सन सोनिया गांधी का राज्यसभा नामांकन एक बार फिर से सुर्खियों में आया है. बीजेपी के पूर्व विधि संयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस बारे में  पत्र लिखा है. जिसमें  तंवर ने सोनिया गांधी की भारत और इटली में सम्पतियों की जांच करवाने की मांग की है.


पूर्व संयोजक योगेंद्र सिंह तंवर  शाह को लिखा पत्र


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बता दें कि, यूपीए की पूर्व चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन भरा है. नामांकन में अधूरी जानकारियों को लेकर बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के पूर्व संयोजक योगेंद्र सिंह तंवर ने सवाल उठाया था. जिसे लेकर तंवर ने अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सोनिया गांधी की देश और विदेश की संपत्तियों की जांच की मांग की है.


संपत्तियों की जांच करवाई जाए - योगेंद्र सिंह तंवर


योगेंद्र सिंह तंवर ने अमित शाह को पत्र लिखकर यह कहा है कि, सोनिया गांधी की संपत्तियों की जांच करवाई जाए. साथ ही  सोनिया गांधी के राज्यसभा नामांकन के पर उचित कार्रवाई की जाए, क्योंकि सोनिया गांधी ने नामांकन भरते हुए संपूर्ण जानकारी नहीं दी है. इटली में जो उनकी पैतृक संपत्ति है उसके विषय में कई महत्वपूर्ण बातें छुपाई गई है. इसको लेकर सोनिया गांधी से पूछताछ करने की मांग की है. 


हलफनामें में स्पष्ट विवरण नहीं - तंवर


तंवर ने आगे लिखा है कि सोनिया गांधी ने राज्यसभा के लिए नामांकन और शपथ पत्र दाखिल किया. जिसमें  इटली में अपनी पैतृक संपत्ति का विवरण दिया, जबकि सटीक स्थान जैसे स्पष्ट विवरण प्रदान करने को गंभीर रूप से छोड़ दिया. आयाम, शेयर विभाजन, और संपत्ति का प्रचलित बाजार मूल्यांकन आदि की जानकारी नहीं दी गई.आयाम, शेयर विभाजन, और संपत्ति का प्रचलित बाजार मूल्यांकन आदि की जानकारी नहीं दी गई. जब रिटर्निंग ऑफिसर ने सोनिया गांधी से इस गंभीर चूक पर आपत्ति जताई. सोनिया गांधी ने एक उत्तर प्रस्तुत किया जिसमें ओरबासानो (ट्यूरिन) और पियोसास्को शहरों में स्थित संपत्ति के विशिष्ट पते और समसामयिक बाजार मूल्य को अस्पष्ट कर दिया गया. 


उनकी संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को जानबूझकर छिपाना चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए एक गंभीर चुनौती है. इटली में सोनिया गांधी की संपत्ति उनके प्रकटीकरण में जानबूझकर पारदर्शिता और विशिष्टता की कमी चुनावी प्रतियोगिताओं के दौरान हलफनामा प्रस्तुत करने के वैधानिक दायित्वों के घोर उल्लंघन का प्रतिनिधित्व करती है. 


प्रासंगिक जानकारी का विद्वत्तापूर्ण छिपाव गैरकानूनी वित्तीय लेनदेन, असूचित आय और कर नियमों के गैर-अनुपालन से संबंधित संभावित खराबी को रेखांकित करता है. पत्र में तंवर ने गृहमंत्री से इस मामले में जवाबदेही बनाए रखने, कानून के शासन को बनाए रखने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता की रक्षा करने के लिए तत्काल, कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया हूं.


इससे पहले भी तंवर ने विधानसभा सचिव को पत्र लिखकर जानकारी दी थी. हालांकि आयोग ने संज्ञान लेकर फ्री कर दिया था.