Rajasthan Politics: नेताओं ने खूब वोट मांगे, लेकिन खुद के बूथ को मजबूत करने में रहे विफल, जानिए CM भजनलाल शर्मा के बूथ का मतदान प्रतिशत
Rajasthan Politics: नेताओं ने वोट खूब मांगे लेकिन वह खुद के बूथ को मजबूत करने में विफल रह गए. जानिए CM भजनलाल शर्मा के बूथ का मतदान प्रतिशत क्या रहा?
Rajasthan Politics: प्रदेश में 25 संसदीय सीटों पर 266 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैंद हो चुका है. पार्टियां वोटों का हिसाब लगाने में जुट गई हैं. जनप्रतिनिधियों के लिए भी चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कम मतदान के बाद दूसरे चरण में निर्वाचन विभाग की पहल पर दूसरे चरण में मतदान तो बढ़ा,लेकिन कई नेता और पार्टी पदाधिकारी वोट मांगने तो निकले लेकिन खूद के बूथ को मजबूत नहीं कर सके.
राजस्थान में लोकसभा चुनावों की वोटिंग खत्म हो गई. इस बार राज्य की 25 सीटों पर वोटिंग पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में इस बार 4.81 फीसदी कम वोटिंग हुई है. जयपुर में दो लोकसभा सीटों पर हुई वोटिंग का बूथवाइज एनालिसिस करें तो इस बार बड़े नेता अपने ही बूथ पर अच्छी वोटिंग करवाने में विफल रहे.
सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अलावा डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद्र बैरवा के भी बूथों पर भी अच्छी वोटिंग नहीं हुई. ये तब है जब बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बूथ वाइज पोलिंग बढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर दिया.
भाजपा मुख्यालय से कार्यकर्ताओं को निर्देश था कि अधिक से अधिक वोटिंग कराने की जिम्मेदारी संभाले लेकिन बड़े-बड़े नेताओं के बूथ पर उम्मीद के मुताबिक वोटिंग ट्रेंड नहीं दिखा.कुछ ऐसे भी रहे जो मुख्यालय के निर्देश की पालना कराने में सफल रहे. जयपुर जिले में जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण सीट के अलावा सीकर, दौसा और अजमेर लोकसभा सीट के भी वोटर रहते है. जयपुर में मुख्यमंत्री के अलावा दोनों डिप्टी सीएम और भजनलाल सरकार के खेलमंत्री भी रहते है और वोट करते है. सीएम भजनलाल का वोट बगरू विधानसभा क्षेत्र में आता है, जो जयपुर शहर लोकसभा सीट का हिस्सा है.
मुख्यमंत्री से लेकर डिप्टी सीएम और प्रत्याशियों के बूथों पर वोटिंग प्रतिशत
नाम-मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, बूथ संख्या विधानसभा- बूथ 185 बगरू, बूथ पर मतदान प्रतिशत- 53.34
डिप्टी सीएम प्रेम चंद्र बैरवा,बूथ 185 दूदू, 52.48
डिप्टी सीएम दीया कुमारी,बूथ 95 हवामहल, 70.54
जयपुर शहर भाजपा प्रत्याशी मंजू शर्मा, बूथ 73 हवामहल, 75.77
जयपुर शहर कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह,बूथ 128 सिविल लाईन्स,65.62
जयपुर ग्रामीण भाजपा प्रत्याशी राव राजेन्द्र,बूथ 178 शाहपुरा, 70.18
जयपुर ग्रामीण कांग्रेस प्रत्याशी अनिल चौपड़ा, बूथ 106 आमेर,57.65
कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बूथ 264 झोटवाड़ा, 64.15
सांसद रामचरण बोहरा, बूथ 123 मालवीय नगर, 65.71
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, बूथ 124 मालवीय नगर, 62.51
भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य, बूथ 130 झोटवाड़ा, 70.18
भाजपा विधायक गोपाल शर्मा, बूथ 326 झोटवाड़ा, 62.20
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, बूथ 165 सिविल लाईन्स, 60.70
कांग्रेस विधायक अमीन कागजी, बूथ 26 किशनपोल, 52.24
विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्धाज,बूथ संख्या 60 सांगानेर,57.23
शाहपुरा से कांग्रेस विधायक मनीष यादव, बूथ संख्या 89, शाहपुरा,58.90
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस बार अपना वोट भरतपुर से जयपुर में शिफ्ट करवा लिया हैं. इस बार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बगरू विधानसभा के बूथ संख्या 185 पर वोट डाला और इस सीट पर केवल 53.34 फीसदी ही वोटिंग हुई. नवोदय महिला टीचर ट्रेनिंग कॉलेज सिद्धार्थ नगर गेटोर रोड स्थित इस पोलिंग बूथ पर कुल 1406 वोटर्स है, लेकिन यहां 835 वोटर्स ही वोट करने बूथ पर पहुंचे.
अजमेर लोकसभा सीट में जयपुर जिले की दूदू विधानसभा क्षेत्र के वोटर्स वोट करते है.इसी क्षेत्र में डिप्टी सीएम प्रेमचंद्र बैरवा भी वोट करते है. वे दूदू विधानसभा के बूथ संख्या 185 पर वोटिंग करते हैं.जिस पर लोकसभा चुनाव में कुल 52.85 फीसदी ही वोटिंग हुई. हालांकि डिप्टी सीएम दीया कुमारी के बूथ पर वोटिंग प्रतिशत 70.45 फीसदी रहा. दीया कुमारी ने हवामहल विधानसभा के बूथ संख्या 95 पर वोट किया था.
विधानसभा चुनाव के समय दीया कुमारी के बूथ पर 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी. इसी तरह जयपुर जिले के कुछ प्रमुख नेताओं के बूथों पर नजर डाले, जहां 70 फीसदी या उससे वोटिंग हुई. इसमें डिप्टी सीएम दीया कुमारी के अलावा लोकसभा सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ रही मंजू शर्मा के बूथ संख्या 73 पर 76.77 प्रतिशत , जयपुर ग्रामीण से बीजेपी प्रत्याशी राव राजेन्द्र सिंह (70.18), विधायक बालमुकुंदाचार्य (70.18) शामिल है.
बहरहाल, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत घटा हैं.पहले चरण में तो कुछ बूथों पर लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई. हालांकि पहले चरण के मुकाबले दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत में बढ़ा लेकिन पिछले चुनावों की अपेक्षा उदासीनता देखने को मिली. हैरत की बात यह है कि राजनीतिक दलों के दिग्गज भी अपने बूथों पर मत प्रतिशत नहीं बढ़वा सके. इन जुदा हालात में चुनावी गणित गड़बड़ा गया है. सभी दलों के रणनीतिज्ञों के माथे से पसीना टपक रहा है.