Lok Sabha Chunav 2024: बीकानेर सीट पर 20 साल से रहा बीजेपी का कब्जा, शोले के ‘वीरू’ का स्टारडम का रंग आज भी चढ़ा है
बीजेपी का बीकानेर सीट पर कब्जा रहा है. चार चुनाव लगातार जीत चुकी बीजेपी एक बार फिर पांचवी बार जीत पाती है या कांग्रेस इस लगातार जीत के सिलसिले को रोकने में कामयाब होती है ये तो आने वाली चुनाव के नतीजों के बाद ही साफ़ हो पाएगा. जब फ़िल्म स्टार धर्मेंद्र में बीकानेर में चुनाव लड़ा और सनी और बॉबी देओल के डायलॉग से बीकानेर के लोग झूम उठे थे.
Rajasthan Lok sabha Eelection 2024: देश में लोकसभा का चुनाव पारा परवान पर है. तमाम पार्टियो वोटर्स को लुभाने में जुटी है. इन सब में बीच अब आज हम आपको बीकानेर लोकसभा सीट की उस पहलू के बारे में बतायेंगे जिसके बाद से कांग्रेस के दबदबे वाली सीट पर हो गया बीजेपी का कब्जा !
जब फ़िल्म स्टार धर्मेंद्र में बीकानेर में चुनाव लड़ा और सनी और बॉबी देओल के डायलॉग से बीकानेर के लोग झूम उठे थे. बात लोकसभा चुनाव 2004 को जब बीकानेर की लोकसभा सीट पर कांग्रेस का दबदबा था जाट बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी सासद थे लेकिन केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे लेकिन इस सीट पर बीजेपी में फ़िल्म स्टार धर्मेंद्र को बीकानेर से प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया.
धर्मेंद्र की सरलता और उसके स्टार्डम ने बीकानेर के लोगो का इतना दिल जीता की लोगों ने कांग्रेस को मज़बूत सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी धर्मेंद्र को चुनाव में जीत दिला दी. हालांकि धर्मेंद्र के लिए ये चुनाव इतना आसान नहीं रहा क्योंकि वो अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित होकर और उनके कहने पर चुनावी मैदान में उतरे लेकिन लोकल राजनीति का उन्हें ज़्यादा कुछ अनुभव नहीं था.
चुनाव के दौरान रणनीति में विफल होता देख उन्हें अपने दोनों बेटे सनी और बॉबी को भी चुनावी मैदान में प्रचार के लिए उतार दिया. वही ख़ुद बीजेपी के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी धमेंद्र के समर्थन में सभा करने पहुंचे और धर्मेंद्र ने कांग्रेस सांसद रामेश्वर डूडी को 57 हज़ार से शिकस्त देते लोकसभा में कदम रखा.
धर्मेंद्र तो लोकसभा पहुंच गये लेकिन केंद्र में यूपीए की सरकार बन गई अब धर्मेंद्र के सामने कई चुनौतियां थी. एक की वो राजनीति में नये और दूसरा की विपक्ष के सांसद होते हुए उन्हें बीकानेर का विकास करवाना था. हालांकि 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल करते हुए सरकार बना ली. इसका फ़ायदा धर्मेंद्र को मिला उस उन्होंने बीकानेर के लिये बड़े काम किया जिसको लोग आज भी याद करते है.
2004 में धर्मेंद्र की जीत के साथ अभी तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. 2009 में बीजेपी में अर्जुनराम मेघवाल को चुनावी मैदान में उतारा जिन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. तीन बार सांसद बने तो कई मंत्री पद भी सम्भाले. इससे पहले आज़ादी के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सिर्फ़ एक बार जीत हासिल की थी वो भी महेंद्र सिंह भाटी ने 1996 में सांसद बने लेकिन वो भी दो साल सांसद रहे.
लोकसभा चुनाव को लेकर 19 अप्रैल को मतदान होना है 2004 के लोकसभा चुनाव से अभी तक बीजेपी का बीकानेर सीट पर कब्जा रहा है. चार चुनाव लगातार जीत चुकी बीजेपी एक बार फिर पांचवी बार जीत पाती है या कांग्रेस इस लगातार जीत के सिलसिले को रोकने में कामयाब होती है ये तो आने वाली चुनाव के नतीजों के बाद ही साफ़ हो पाएगा.