Lok Sabha Chunav 2024 : सोशल मीडिया पर रविंद्र भाटी को समर्थन देने के बाद, अमीन खान को मिली जान से मारने की धमकी
Lok Sabha Chunav 2024, Amin Khan : कांग्रेस के पूर्व विधायक अमीन खान (Amin Khan) को जान से मारने की धमकी दी गई है. यह वाकया इससे कुछ ही देर बाद सामने आया, जब उन्होंने एक इंटरव्यू में निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) को वोट देने की बात कही थी.
Lok Sabha Chunav 2024, Amin Khan, Ravindra Singh Bhati : राजस्थान कांग्रेस के नेता और शिव से पूर्व विधायक अमीन खान (Amin Khan) को जान से मारने की धमकी का मामला सामने आया है. जिसके बाद से प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. बता दें, कि अमीन खान ने एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में निर्दलीय लोकसभा प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) को समर्थन देने की बात कही थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि बाड़मेर में जाटों ने कांग्रेस को कमजोर किया है, और जाटों कभी मुसलमानों को वोट नहीं दिया, ना ही देंगे. इस लिए विंद्र सिंह भाटी को वोट देना चाहिए.
हालां, कि उन्होंने यह भी कहा था कि, वह भाटी की किसी भी सभा में शामिल नहीं होंगे, और ना ही प्रचार करेंगे. इसके कुछ ही घंटे बाद अमीन खान के सोशल मीडिया अकाउंड फेसबुक पर मैसेज करके उन्हें जान से मारने की धमकी दे दी गई. धमकी मिलने के बाद इसकी शिकायत पुलिस से की गई, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
अमीन खान के भतीजे ने पुलिस को दी शिकायत
फेसबुक में धमकी मिलने के बाद अमीन खान के भतीजे चिनेसर खान ने पुलिस को एक शिकायत दी है. इसमें उन्होंने कहा है, "मेरे चाचा और पूर्व विधायक अमीन खान से पत्रकार निखिल व्यास द्वारा ने फोन पर चुनाव के सम्बन्ध में चर्चा की, जिसकी ऑडियो रिकोर्डिंग वायरल हो गई. इसके बाद रंजिशवस चाचा अमीन खान के शोसल मीडिया अकाउन्ट 'अमीनखान' पर जान से मारने की धमकी दी. इस मैसेज में लिखा था, "पारस बी चौधरी' राजू थेट ग्रुप, जीवन गोदारा डीडवाना के द्वारा "दिनांक 26 जून से पहले तेरा काम तमाम मौत की अग्रिम बधाई" चिनेसर खान ने इसे चुनावी रंजिश बताते हुए अमीन खान को सुरक्षा देने की मांग की है. उन्होंने इसे चुनावी रंजिश बताया है.
क्या है पूरा अमीन खान का पूरा इंटरव्यू
दरअसल, एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया, कि बाड़मेर से कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी जब आपसे मिलने आए, तो क्या बात हुई? जिसके जवाब में उन्होंने कहा, "कांग्रेस उम्मीदवार ने मुझसे समर्थन मांगा, और कहा, मुझे समर्थन दें. जिस पर मैंने कहा, कि बाड़मेर जिले के जाटों ने कांग्रेस को कमजोर कर रखा है. क्यों, कि ये एक जाति के अलावा किसी को कांग्रेसी नहीं मानते. मैं खुत जाटों से दो बार 98 प्रतिशत वोट नहीं ले सका. 98 प्रतिशत जाटों ने दो चुनावों में लगातार मेरे खिलाफ वोट डाले. इस लिए मेरा मन जाट उम्मीदवार को वोट देना का नहीं करता."
जो हमसे नफरत करते हैं, हम उन्हें वोट क्यों दें - अमीन खान
पत्रकार ने जब उनसे दूसरा सवाल किया, कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से नए-नए कांग्रेस में आए कैलाश चौधरी आपसे आशीर्वाद लेने आए थे, लेकिन आपने तो उन्हें बैठने तक के लिए नहीं कहा? इसके जवाब में अमीन खान ने कहा, "जो हमसे नफरत करते हैं, हम उन्हें क्यों वोट दें. पुराने बाड़मेर जिले के हिसाब से 17 तहसीलें और 21 पंचायत समितियां हैं. जिनमें आफिसर तो दूर, आज तक एक भी मुसलमान चपरासी तक नहीं लगा. ऐसे में मुसलमानों के साथ जो असहयोग करेंगे, उनका हम साथ नहीं देंगे. "
हम भी एक महीने में आ जाएंगी पार्टी में वापस - खान
जब अमीन खान से यह सवाल किया गया, कि क्या आपके इस कदम से कांग्रेस से बगावत नहीं होगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, "बगावत तो होगी. सुनील परिहार और फतेह खान 6 साल के लिए पार्टी से निकाले गए, और महीनेभर के अंदर रीस्टेट हो गए, इन दिनों कांग्रेस का ये तो हाल है, तो हम भी महीनेभर में रीस्टेट हो जाएंगे. राजपूतों और मुसलमानों के सदियों से मधुर संबंध रहे हैं. अगर ये अपना भला नहीं कर सकेंगे, तो बुरा भी नहीं करेंगे. ऐसे में अगर आपकी इच्छा करे, को अपना वोट निर्दलीय उम्मीदवार भाटी को दे दो, अब वो मेरा कहना मानें ना माने उनकी मर्जी. उन्होंने आगे कहा, कि मैं कहीं रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) की सभा में या प्रचार में नहीं जाऊंगा."
जाट समुदाय हमारा कभी सहयोग नहीं करेगा- अमीन
जब उनसे पूछा गया, कि आपको नहीं लगता, कि आपके इस कदम के बाद या कांग्रेस से बगावत के बाद, आपके बेटे-पोतों के भविष्य को कांग्रेस की राजनीति में अस्थिर कर देगा? जिसके जवाब में उन्होंने कहा, "जाट समाज के इतिहास को देखते हुए, हमने ने सोच रखा है, कि जाट समुदाय हमारा कभी सहयोग नहीं करेगा, और ना हम इनसे कभी सहयोग मांगेंगे."