राजस्थान में लोक सभा चुनाव से पहले बड़ा ऑपरेशन, 27 दिन और 20 जिलों में कार्रवाई, EC ने जब्त किए 696 करोड़ रुपये से अधिक नकदी, शराब और ड्रग्स
Rajasthan Lok Sabha Election : राजस्थान में फ्री एंड फेयर इलेक्शन को लेकर चुनाव आयोग से लेकर निर्वाचन विभाग और एनफोर्समेंट एजेंसियों ने निगरानी तंत्र को बढ़ा दिया है. राजस्थान में 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 16 मार्च से अब तक 1350 फीसदी ज्यादा सीजर की कार्रवाई करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है.
Rajasthan Lok Sabha Election 2024 : राजस्थान में 19 और 26 अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसी की ओर से ताबड़तोड़ सीजर की कार्रवाई की जा रही है. फ्री एंड फेयर इलेक्शन को लेकर चुनाव आयोग से लेकर निर्वाचन विभाग और एनफोर्समेंट एजेंसियों ने निगरानी तंत्र को बढ़ा दिया है. राजस्थान में 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 16 मार्च से अब तक 1350 फीसदी ज्यादा सीजर की कार्रवाई करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है.
चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सख्ती बरत रहा है. आचार संहिता का पालना और फ्री एंड फेयर इलेक्शन को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर नकदी शराब और मतदाताओं को प्रलोभित करने वाले साधनों पर शिकंजा कसा जा रहा है.
राजस्थान में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने मार्च महीने की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि के रूप में 794.82 करोड़ रुपये कीमत की जब्तियां की हैं.
लोकसभा चुनाव-2024 की आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई वस्तुओं की कीमत 696.13 करोड़ रुपये से ज्यादा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सीजर के मामले में राजस्थान ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाया है. वर्ष 2019 के लोकसभा आम चुनाव के मुकाबले इस बार अवैध सामग्री की जब्ती का आंकड़ा 1,350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
वर्ष 2019 में 75 दिन में कुल 51.42 करोड़ रुपये मूल्य नकदी सहित अन्य अवैध सामग्री जब्त की गई थी। इस बार 27 दिन में ही यह आंकड़ा 696 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है. गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही हैं। इसी क्रम में प्रदेशभर में लगातार जब्ती की कार्रवाई की जा रही हैं। 1 मार्च से अब तक राजस्थान में 20 जिलों में 20-20 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की संदिग्ध वस्तुएं और नकदी जब्त की गई है.
20 जिलों में जब्ती (राशि करोड़ रुपये में)
जोधपुर : 44.01
जयपुर : 37.2
पाली : 35.79
भीलवाड़ा : 33.86
उदयपुर : 33.49
श्री गंगानगर : 33.05
चूरू : 32.88
दौसा : 32.46
डूंगरपुर : 31.22
बाड़मेर : 29.05
नागौर : 27.08
झुंझुनूं : 27.02
अलवर : 26.83
चित्तौड़गढ़ : 26.47
बीकानेर : 24.64
टोंक : 24.15
हनुमानगढ़ : 21.71
प्रतापगढ़ : 21.69
धौलपुर : 21.38
बांसवाड़ा : 20.95
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार 1 मार्च, 2024 से अब तक 35 करोड़ 96 लाख रुपये नकद, 120 करोड़ 63 लाख रूपये से अधिक मूल्य की ड्रग्स, 41 करोड़ 13 लाख रुपये कीमत की शराब और 49 करोड़ 21 लाख रूपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है.
साथ ही, 546 करोड़ 97 लाख रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा 89 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं. उन्होंने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक 35 करोड़ रुपये नकद, लगभग 73 करोड़ 75 लाख रुपये मूल्य की ड्रग्स, लगभग 35 करोड़ 3 लाख रुपये कीमत की शराब और 41 करोड़ 33 लाख रुपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है। साथ ही, 510 करोड़ 31 लाख रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा लगभग 69 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं.
बहरहाल, ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि यह चुनाव पैसा, शराब और ड्रग्स का कॉकटेल बन गया है. यहां मतदाताओं को लुभाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. इलेक्शन के एलान के बाद ही आचार संहिता लागू हो जाती है. लेकिन ये वो वक्त भी है. जब सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने की अपनी आखिरी कोशिश करती हैं, फिर चाहे वो तोहफे देना हो. यही वजह है कि हर चुनाव के दौरान इलेक्शन कमीशन की मशीनरी अवैध कैश और करोड़ों रुपयों की शराब जब्त करती रही है.