Rajasthan Lok Sabha Election 2024:  राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों को साधने के लिए बीजेपी के दिग्गज नेता लगातार राजस्थान के दौरे पर हैं. राजस्थान में 2 चरणों में लोकसभा चुनाव होगा. पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को वोटिंग होगी.  19 अप्रैल को राजस्थान की 12 सीटों पर चुनाव होगा. जिसमें चूरू और नागौर सीट भी शामिल हैं. वहीं बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होगी. सियासी गलियारों में चर्चा है कि राजस्थान की ये तीन (चूरू, नागौर, बाड़मेर-जैसलमेर) ऐसी सीटें हैं जहां पर बीजेपी का मिशन 25 फेल हो सकता है और बीजेपी का क्लीन स्वीप का सपना, सपना ही रह सकता है.


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नागौर लोकसभा सीट,हनुमान बेनीवाल दे सकते हैं बीजेपी को कड़ी चुनौती


नागौर सीट की बात करें तो ये जाट बहुल सीट है. यहां से आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party )के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल सबसे बड़े नेता हैं. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर जीतने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है.



नागौर लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें 70 फीसदी आबादी जाटों की है.  इस सीट से जाट समुदाय के कार्यकर्ता को ही टिकट देने की मांग हमेशा उठती रही है. चर्चा है कि नागौर से बीजेपी के पास कोई बड़ा जाटा चेहरा नहीं होने की वजह से उन्होंने ज्योति मिर्धा को टिकट दिया.युवाओं के बीच प्रभाव रखने वाले हनुमान बेनीवाल मिर्धा को कड़ी चुनौती दे सकते हैं. 



2019 के चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party ) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में बिना गठबंधन या बिना किसी समर्थन के बीजेपी ने 25 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने की बात कही थी. नागौर सीट से कांग्रेस आरएलपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में इस सीट पर जीत को लेकर बीजेपी को संघर्ष करना पड़ सकता है.


चूरू लोकसभा सीट


चूरू सीट की बात करें तो बीजेपी ने चूरू सीट से राहुल कस्वां का टिकट काटा जिसके बाद कांग्रेस में वह शामिल हो गए. कांग्रेस ने इस बार चूरू से राहुल कस्वां को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट देवेंद्र झाझडिया को टिकट दिया हैं. चूरू सीट पर कांग्रेस बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है.


लगातार दो बार सांसद रहे राहुल कस्वां को इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है.कस्वां परिवार की तीसरी पीढ़ी के राहुल कस्वां चूरू लोकसभा क्षेत्र से सांसद वर्तमान में हैं. वह 2014 और वर्ष 2019 में लगातार दो बार चुनाव जीते. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल कस्वां का टिकट काटने पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है. कस्वां परिवार की चूरू में पकड़ मजबूत मानी जाती है. वहीं बीजेपी ने  बीजेपी ने देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी बनाया है. झाझड़िया  जेवलीन थ्रो( भाला फेंक) के स्टार खिलाड़ी रह चुके हैं.भारत सरकार ने उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाजा भी है. इस लोकसभा चुनाव से  राजनीति में पद्मभूषण से सम्मानित जैवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझरिया की एंट्री हो गई है. देवेंद्र झाझड़िया की राजनीति में एंट्री हुई हैं. वहीं कस्वां दो बार सांसद रह चुके हैं. ऐसे में झाझड़िया को इस सीट पर कड़ी चुनौती मिल सकती है.


बाड़मेर-जैसलमेर सीट


बाड़मेर जैसलमेर सीट की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी ने इस सीट पर कैलाश चौधरी को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने उम्मेदराम बेनीवाल को प्रत्याशी घोषित किया है. उम्मेदराम बेनीवाल ने 2018,2023 में RLP से बायतू से चुनाव लड़ा था. उम्मेदाराम बेनीवाल ने RLP से  इस्तीफा दिया और वह कांग्रेस में शामिल हुए.  वहीं कैलाश चौधरी छात्र राजनीति से उभरे हुए नेता हैं.कैलाश चौधरी ने 1999 में पार्षद का चुनाव लड़ा, इसमें वे हार गए. 2004 में वे जिला परिषद सदस्य बने. 2013 में बायतु से चौधरी 13974 वोट से जीत गए. 2018 में फिर बायतु से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी के सामने 18311 वोट से हार गए. 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 3.23 लाख वोट से हराया. इसी कार्यकाल में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह मिली.हालांकि इस बार बीजेपी को बाड़मेर-जैसलमेर सीट से उम्मेदराम बेनीवाल से कड़ी चुनौती मिल सकती है.