Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: कमल का फूल हमारी भूल बोलने वाले मानवेंद्र सिंह जसोल की बीजेपी में एंट्री ! राजपूत वोट बैंक पर असर

Manvendra Singh Jasol : मानवेंद्र सिंह जसोल की बीजेपी में वापसी होने पर उन्हे राजसमंद से प्रत्याशी बनाने की चर्चा है. जसोल की बीजेपी में आना राजपूत वोट पर भी असर डालने वाला साबित हो सकता है.

प्रगति अवस्थी Wed, 20 Mar 2024-2:46 pm,
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मानवेन्द्र सिंह

मानवेन्द्र सिंह जसोल जसवंत सिंह जसोल के बेटे हैं. बाड़मेर से आते हैं. उनको राजसमंद से टिकट देने को सिर्फ एक टिकट की तरह न देख कर दूसरी सीटों पर पड़ने वाले असर से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए. 

 

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जसोल की पत्नी

राजसमंद बशर्ते मेवाड़ की राजपूत सीट हो लेकिन इसका विस्तार मारवाड़ के जैतारण और नागौर के इलाकों तक है. ऐसे में बाड़मेर समेत पूरे मारवाड़ में राजपूत समुदाय बीजेपी के पक्ष में बढ़ चढ़ कर वोट कर सकता है. आपको बता दें कि मानवेन्द्र सिंह जसोल हाल ही में हादसे का शिकार हुए और उनकी धर्मपत्नी का हादसे में निधन हो गया था.

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बीजेपी से राह जुदा

मानवेन्द्र सिंह बीजेपी छोड़ने से पहले लगातार दिल्ली की राजनीति करने और लोकसभा जाने के लिए अपनी मांग रख चुके थे, लेकिन तब बाड़मेर से उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हुई और टिकट न मिलने पर उन्होने बीजेपी से राह जुदा कर ली.

 

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मानवेन्द्र सिंह के पिता जसवंत सिंह

मानवेन्द्र सिंह, के पिता जसवंत सिंह जसोल ने बाड़मेर से टिकट नहीं मिलने पर 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और चुनाव हारे थे. तभी से जसोल परिवार की बीजेपी से अदावत और खटास रही है.

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कमल का फूल हमारी भूल

लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने मानवेन्द्र को एमपी का टिकट देते हुए उनकी इच्छा पूरी करने का मन बनाया है. साथ ही ये भी भूला नहीं जा सकता कि ये वही मानवेन्द्र हैं, जिन्होने 'कमल का फूल हमारी भूल' का नारा दिया था.

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2018 में बीजेपी से बगावत कर कांग्रेस में शामिल

मानवेंद्र साल 2018 में बीजेपी से बगावत कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वसुंधरा राजे के सामने झालावाड़ गए थे. उस वक्त बुरी हार मिली और मानवेन्द्र राजनीति के नैपथ्य में चले गये. 

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फायदे का सौदा

लेकिन राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता शायद यही वजह है कि आज मानवेन्द्र बीजेपी और बीजेपी मानवेन्द्र के लिए फायदा का सौदा बन सकते हैं. 

 

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पूछने वाले तो ये भी पूछेंगे कि मानवेन्द्र अब कमल के फूल की भूल दोहराने जा रहे हैं, या फिर तब कमल को भूल बताना ही उनकी सबसे बड़ी भूल थी.

 

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