महेंद्रजीत सिंह मालवीय : 40 साल पुराना घर छोड़, नया बसाया था बसेरा, मोदी का नाम नहीं आया काम
Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: महेंद्रजीत सिंह मालवीया (Mahendrajeet Singh Malviya) को हार का सामना करना पड़ा.वहीं उसके बाद से ही मालवीया के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: राजस्थान लोकसभा चुनाव के नतीजे ने सबको चौंका के रख दिया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीया (Mahendrajeet Singh Malviya) को हार का सामना करना पड़ा.वहीं उसके बाद से ही मालवीया के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से मालवीय ने जो प्रतिक्रिया दी है,उसे कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं, मालवीय के बयान से यह लगता है कि उनको लोकसभा चुनाव के दौरान BJP का समर्थन नहीं मिला,जिसके कारण उन्हें जीवन में पहली बार हार का सामना करना पड़ा है.
महेंद्रजीत सिंह मालवीया का गढ़ कहे जाने वाली बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से उनका वर्चस्व चुनाव के बाद टूटता दिख रहा है. उनके गढ़ कहे जाने वाले बागीदौरा विधानसभा में उनकी पार्टी को BAP को कम मत प्राप्त हुए हैं,जिससे उनके समर्थक को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
चुनाव में हार के बाद से ही ये सावाल उठ रहे हैं कि आखिर उनका राजनीतिक सफर किस ओर और कैसे आगे बढ़ेगा.महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने लगभग 40 सालों से छात्र संघ नेता से लेकर मंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के लिए कार्य कर चुके हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के घोषणा के बाद ही मालवीया ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर BJP का दामन थामा था.
जिसके बाद ही BJP ने उनको पार्टी से टीकट देकर प्रत्याशी बनाया था,उनके कहने पर ही ई बागीदौरा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव के लिए सुभाष तंबोलिया को BJP से प्रत्याशी बनाया गया था,लेकिन जनता को मालविया का यह कदम पसंद नहीं आया और उन्हें जनता ने नकार दिया.हार के बाद से जब BJP नेता उनसे मिलने के लिए पहुंचे तो भी उन्होंने बेरुखी से जवाब दिया.
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