Rajasthan Lok SabhaElection 2024: लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद से 8 मार्च को कांग्रेस ने भी अपने 39 उम्मीदवारों  की पहली सूच  जारी कर दी  है.  जिसमें कांग्रेस ने केवल 8 राज्यों के 39  उम्मीदवारों के नामों को घोषित किया है. इस बात की जानकारी कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर के दी है.   


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वहीं दूसरी तरफ राजस्थान की लोकसभा सीटों पर अभी फिलहाल पेच फंसा हुआ है. इसके लिए कांग्रेस की केन्द्रीय चुनाव समिति की  11 मार्च को दूसरी बैठक  करेंगी. जिसके बाद इसकी तस्वीर साफ होगी.  बता दें कि, राजस्थान में कांग्रेस  बाप और रालोप से गठबंधन करने वाली है, इसके लिए प्रदेश कांग्रेस के नेता  दिल्ली आयेंगे.कांग्रेस की पहली सूची में 39 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है.  पहली सूची में राहुल गांधी और भूपेंद्र बघेल का नाम शामिल किया गया है.  पहली सूची में शामिल उम्मीदवारों में 15 उम्मीदवार जनरल कैटेगरी के है. 


किसे कहा से मिला टिकट


इसी के साथ केरल के सभी 14 सीटिंग सांसदों को  टिकट मिला है. कांग्रेस ने  विनेबिलिटी और लॉयलिटी पर फोकस करते हुए बड़े चेहरों को भी मैदान में उतारा है . उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने सभी सीटिंग सांसदों पर भरोसा  जताया है . जैसे  छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव  से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल . इसी के साथ छत्तीसगढ़ से ताम्रध्वज साहू और ज्योत्सना महंत को  भी टिकट मिला है.  कर्नाटक से डी के शिवकुमार  के भाई डी के सुरेश को  टिकट  मिला है. इसी के साथ तेलंगाना की 4 , नार्थ ईस्ट से चार, मेघालय के शिलांग से पूर्व केंद्रीय मंत्री विंसेंट पाला को टिकट मिला है. 


हनुमान के साथ बात बनी! पर बाप पर फंसा पेंच


 सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस और रालोप में गठबंधन का पेंच फिलहाल फंसा हुआ है. इसके लिए रालोप सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल पार्टी माहसचिव  के सी वेणुगोपाल से जल्द  ही दिल्ली में मुलाकात कर सकते है, जिसके बाद प्रदेश की लोकसभा सीटों पर स्थिति साफ होने के आसार है. बता दें कि  राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी  नागौर और बाड़मेर सीट चाहते है.  कांग्रेस नागौर सीट देने को तैयार है, लेकिन बाड़मेर सीट पर अब तक बात  नहीं बन पाई है.  गौरतलब है कि नागौर से हनुमान बेनीवाल के चुनाव लड़ने पर कोई संशय नहीं है लेकिन बाड़मेर की सीट पर पेंच फंसा हुआ है.  कांग्रेस के जाट नेता पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, दिव्या मदरेना और हरीश चौधरी समते  इन तीनों दिग्गज नेताओं को यह सीटें रालोप को देने में आपत्ति  है.  जिसपर कांग्रेस के ये इन दिग्गज नेताओं का तर्क है कि तीन विधायकों वाली बाप के साथ एक सीट को लेकर गठबंधन किया गया है लेकिन एक विधायक वाली पार्टी के साथ 2 सीट का गठबंधन क्यों? इस मामले में प्रदेश के दोनों बड़े नेताओ का रुख भी एक समान है. जिसके बाद अब देखना यह होगा की 11 मार्च को आखिर हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के सी वेणुगोपाल के बीच होने वाली मीटिंग से क्या जोड़ तोड़ निकलेगा.