Rajasthan Lok Sabha Election 2024: होम वोटिंग का बढ़ा क्रेज, जानिए पहले चरण में कितने मतदाता उठा पाएंगे लाभ
Home Voting In Lok Sabha Election: होम वोटिंग (वोट फ्रॉम होम) के लिए वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाताओं में विधानसभा चुनाव 2023 से भी ज्यादा लोकसभा चुनाव में उत्साह है. 12 लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए होने वाले मतदान के लिए करीब 37 हजार मतदाताओं ने होम वोटिंग के ऑप्शन को चुना है.
Home Voting In Lok Sabha Election: घर बैठे मतदान (होम वोटिंग) को लेकर बुजुर्गों और दिव्यांगों में विधानसभा चुनाव से ज्यादा लोकसभा चुनाव में उत्साह है.पहले चरण में राजस्थान की 12 संसदीय सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होगा.इससे पहले 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर बैठे मतदान करेंगे. यानी की ऐसे मतदाताओं के घर-आंगन पोलिंग बूथ बनेगा.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि, प्रथम चरण के मतदान वाले लोकसभा क्षेत्रों के लिए अब तक कुल 36 हजार 858 पात्र मतदाताओं ने होम वोटिंग विकल्प चुना है.इनमें 27 हजार 536 वरिष्ठ नागरिक और 9 हजार 322 दिव्यांग मतदाताओ ने होम वोटिंग के ऑप्शन को चुना है.
सर्वाधिक 4 हजार 957 पंजीकरण सीकर लोकसभा क्षेत्र में हुए हैं.सीकर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 3 हजार 866 वरिष्ठ नागरिकों और श्रीगंगानगर में 1 हजार 160 दिव्यांगों ने होम वोटिंग के लिए आवेदन किया है.जो कि सर्वाधिक है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि होम वोटिंग का विकल्प चयन करने वाले मतदाताओं की सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को उपलब्ध करवाई जा रही है.इसके बाद होम वोटिंग के विशेष मतदान दल गठित कर उनके प्रशिक्षण की सभी प्रक्रिया 4 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी.ये विशेष टीमें राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों की मौजूदगी में होम वोटिंग का ऑप्शन चुनने वाले मतदाताओं के घर पहुंचकर पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करवाएंगे.
पहले राउंड में होम वोटिंग के लिए मतदान प्रक्रिया 5 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चलेगी.किसी कारण से पहले राउंड में मतदाता के होम वोटिंग के लिए अनुपस्थित या वंचित रह जाने पर दूसरा चरण 15 से 16 अप्रैल के बीच होगा.
प्रवीण गुप्ता ने बताया कि होम वोटिंग के लिए राज्य विधानसभा चुनाव-2023 में 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता पात्र थे...अब लोकसभा चुनाव के दौरान इसे बढ़ाकर 85 वर्ष किया गया है.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के दौरान 61 हजार 628 पात्र मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिये पंजीकरण कराया था.इस बार यह आंकड़ा पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए 68 हजार के पार पहुंच गया है और द्वितीय चरण के मतदान के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है.
उधर, जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण संसदीय सीट की बात करें तो, इन दोनों सीटो पर 7 हजार 606 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने होम वोटिंग के विकल्प को चुना है.जयपुर ग्रामीण में 3 हजार 131 बुजुर्ग मतदाता और 843 दिव्यांग मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए इच्छा जाहिर की है.
वही जयपुर शहर लोकसभा सीट पर 3 हजार 632 बुजुर्ग (85 साल की उम्र से ज्यादा) और 497 दिव्यांग मतदाता (40 फीसदी से ज्यादा विशेषयोग्यजन) ने घर बैठे मतदान (होम वोटिंग) की इच्छा जाहिर की है.
जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि होम वोटिंग के लिए पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.जयपुर शहर में 104 पोलिंग पार्टियां और जयपुर ग्रामीण ससंदीय सीट के लिए 92 पोलिंग पार्टी गठित की गई है.जो 5 से 13 अप्रैल तक पंजीकृत मतदाताओं के घर पहुंचकर उनके घर-आंगन में मतदान केंद्र बनाकर बैलेट पेपर के जरिये वोटिंग की प्रकिया को पूरी करवाएंगे.
यदि कोई मतदाता पहले राउंड में अनुपस्थित रहता है तो 15 और 16 अप्रैल को दोबारा पोलिंग पार्टी बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के घर जाकर मतदान करवाएगी.यदि दूसरे राउंड में पंजीकृत बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता घर पर नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में तीसरी बार अवसर नहीं मिलेगा.इनमें मतदाताओं को जो पता फॉर्म में भरा है केवल उसी पते पर मतदान कराया जा सकेगा..
.टीम किसी भी अन्य जगह पर मतदान कराने नहीं जाएगी..घर से वोट देने की पूरी रिपोर्ट रिटर्निंग अधिकारी को दी जाएगी और फिर चुनाव आयोग मुख्यालय पर भेजी जाएगी.जिस दिन शेड्यूल होगा उसी दिन वोटिंग संभव हो पाएगी.टीम जब वोट कराने जाएगी तब पूरा सत्यापन करेगी.इसके बाद वोट देने के लिए पूरा सेटअप लगाया जाएगा.जिसके घर मतदान होना है, वहां एक कमरे या अहाते में मतदान केंद्र जैसा कम्पार्टमेंट तैयार किया जाएगा..साथ में एक फोल्डिंग टेबल भी होगी.
घर में ही कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद वोटिंग कम्पार्टमेंट बनाया जाएगा.जिसमें फोल्डिंग टेबल लगाई जाएगी.साथ में जो सीलबंद (बॉक्स) लेकर जाएंगे जिसमें मतदाता अपना वोट करने के बाद उसमें डाल देगा.जो मत पत्र दिया जाएगा इसमें जिस उम्मीदवार को वोट करना है उसके आगे राइट का निशान लगा देंगे.यह सारा काम सेक्टर आफिसर के सुपरविजन में काम होगा और वह पूरी टीम रिटर्निंग ऑफिसर को रिपोर्ट देंगे.जिस मतदाता ने घर से वोटिंग का विकल्प भरा तो वह फिर मतदान केंद्र पर मतदान नहीं कर सकेगा.
राजपुरोहित ने बताया कि प्रत्येक मतदान दल के साथ एक मतदान अधिकारी, एक माइक्रो ऑब्जर्वर, एक पुलिसकर्मी और एक वीडियोग्राफर रहेंगे.मतदान के समय पूरी गोपनीयता बरती जाएगी.गौरतलब है कि होम वोटिंग की सुविधा विकल्प के रूप में है.लोकसभा चुनाव के लिए होम वोटिंग की सुविधा ऐसे मतदाताओं को मिलती है.जो 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों हों या 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता श्रेणी के विशेष योग्यजन हों.
बहरहाल, लोकसभा चुनाव में वोट फ्रॉम होम विकल्प की उम्र 80 से बढ़ा कर 85 कर दी हो लेकिन फिर भी घर बैठकर मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या में इजाफा हुआ हैं...चाहे किसी मतदाता की उम्र 90-95 साल की हो या कोई बिस्तर में हो या फिर चलने या किसी प्रकार की तकलीफ हो.लेकिन उनमें लोकतंत्र की इस पर्व में हिस्सा लेने का जज्बा कायम है.निर्वाचन आयोग की होम वोटिंग की पहल से दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को घर से मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए अब किसी भी लाठी के सहारे का इंतजार नहीं करना पडेगा.क्योंकि बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की निर्वाचन आयोग लाठी का सहारा बन गया हैं.