Rajasthan Politics : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर पार्टियों ने चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. इस बार के चुनाव में जातीय समीकरण अहम रोल निभाने वाले हैं. ऐसे में कोई पार्टी इसे नजरअंदाज नहीं कर रही है. राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर भी यही देखने को मिल रहा है. जहां भारतीय जनता पार्टी ने अलवर से भूपेंद्र यादव को टिकट दिया, तो वहीं, कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट में यहां से ललित यादव को चुनावी दंगल में उतारा है. ऐसे में अब यादव-बनाम-यादव को मुकाबला खासा रोमांचक होने के कयास लगाए जा रहे हैं.


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पिछले दो चुनाव में कांग्रेस के हाथ खाली 


अगर पिछले दो राजस्थान लोकसभा चुनावों की बात करें, तो इसमें बीजेपी का दबदबार रहा है. यहां दोनों ही चुनावों में NDA गठबंधन ने 25 की 25 सीटों पर कब्जा किया, तो कांग्रेस को 2014 और 2019 के चुनाव में करारी हार झेलनी पड़ी थी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है, कि क्या कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भूपेंद्र यादव के कड़ी टक्कर दे पाएंगे, या BJP प्रत्याशी बाजी मार लेंगे.



कौन हैं ललित यादव और भूपेंद्र यादव


कांग्रेस प्रत्याशी ललित यादव मुंडावर से विधायक हैं. उन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में 50 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी. बताया जा रहा है, कि ललित यादव की क्षेत्र में फैन फॉलोइंग अच्छी-खासी है. वहीं, भूपेंद्र यादव राजस्थान BJP का बड़ा नाम हैं. बता दें, कि भूपेंद्र यादव मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं, लेकिन राजस्थान के अजमेर से उन्हेंने शिक्षा प्राप्त की, और राजस्थान से ही दो बार राज्यसभा सांसद भेजे गए. इस बार उन्हें अलवर में मैदान में उतारा गया है.



करण सिंह को कैसे मनाएगी कांग्रेस


राजनीतिक पंडितों का मानना है, कि ललित यादव को टिकट देने बाद कांग्रेस को पूर्व सांसद करण सिंह यादव(Karan Singh Yadav)  की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. बताया जा रहा है, कि विधानसभा चुनाव में जब उन्हें  टिकट नहीं दिया गया था, तब उन्होंने बगावती तेवर दिखाए थे. लेकिन बाद में वो बड़े नेताओं के समझाने के बाद मान गए थे. हालांकि, जानकारों का कहना है, कि बढ़ती उम्र करण सिंह यादव को टिकट ना मिलने का मेन कारण हो सकता है.