Lok Sabha Chunav 2024:2019 की तुलना बढ़े मतदाता,पर वोटिंग हुई कम
Lok Sabha Chunav 2024:प्रदेश में 25 लोकसभा सीटों पर 266 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया हैं.19 और 26 अप्रैल को 3.28 करोड मतदाताओं ने 53 हजार 128 मतदान केंद्रों पर कतारों में लगकर ईवीएम पर बटन दबाकर अपनी चुप्पी तोडी.
Lok Sabha Chunav 2024:प्रदेश में 25 लोकसभा सीटों पर 266 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो गया हैं.19 और 26 अप्रैल को 3.28 करोड मतदाताओं ने 53 हजार 128 मतदान केंद्रों पर कतारों में लगकर ईवीएम पर बटन दबाकर अपनी चुप्पी तोडी.मतदान हो गया हैं लेकिन मतदान प्रतिशत के आंकडे चौकाने वाले हैं.
2019 की तुलना में 25 संसदीय सीटों पर मतदाताओं की संख्या तो 45 लाख 47 हजार 857 बढी.लेकिन 2019 की तुलना में इस बार लोकसभा चुनाव में 25 सीटों पर वोटिंग करने वाले मतदाताओं की संख्या में सिर्फ 5.82 लाख मतदाताओं का ही इजाफा हुआ.
2019 में 25 संसदीय सीटों पर कुल मतदाताओं की संख्या 4 करोड 88 लाख 19 हजार 246 थी जिनमें से 3 करोड 22 लाख 53 हजार 103 वोटर्र यानि की 66.07 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया.जबकि हाल ही में दो चरणों के लोकसभा चुनाव-2024 में मतदाताओं की संख्या 5 करोड 33 लाख 67 हजार 103 मतदाताओं थी.
जिसमें से सिर्फ 3 करोड 28 लाख 35 हजार 337 मतदाता ही मतदान केंद्रों पर वोटिंग करने पहुंचे.जो की 61.53 फीसदी ही रह गया.यानि की 38 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं की इस चुनाव से बेरूखी रही।यही कारण रहा की 2019 की तुलना में वोटर्स बढने के बाद भी 4.54 फीसदी मतदाता प्रतिशत कम हुआ.
निर्वाचन विभाग के आंकडों पर नजर डाले तो सौ फीसदी मतदान का लक्ष्य लेकर चल रहा भारत निर्वाचन विभाग बुजुर्ग और मतदानकर्मियों का मतदान बढ़ाने में तो सफल रहा.लेकिन युवा और अन्य मतदाताओं ने साथ नहीं दिया.अब तक चुनावों में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के अलावा चुनाव ड्यूटी में नियुक्त कर्मचारियों का मतदान बहुत कम होता था.
लेकिन इस बार बुजुर्गों को होम वोटिंग तो कर्मचारियों के लिए पोस्टल बैलट से मतदान में तकनीकी इस्तेमाल का असर देखने को मिला.होम वोटिंग में 98.39 फीसदी तो पोस्टल बैलट से 94 फीसदी वोट पड़े.लेकिन अन्य मतदाताओं में उत्साह कम दिखा.
इससे मतदान गत बार से भी कम रहा.85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए आयोग की ओर से होम वोटिंग की सुविधा दी गई थी.इससे प्रदेश में रिकॉर्ड 98.39 फीसदी वोट पड़े.सभी 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 73 हजार 799 वोटर ने मतदान किया.इनमें 56 हजार 691 बुजुर्ग और 17 हजार 108 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं.1,062 मतदाता मृत्यु होने और 1,207 मतदाता अनुपस्थित होने से मतदान नहीं कर सके.
होम वोटिंग के तहत प्रथम चरण 98.30 और द्वितीय चरण में 97.42 प्रतिशत मतदान हुआ है.इसी तरह चुनाव ड्यूटी में लगे कार्मिकों और पुलिस अधिकारियों ने सभी जिलों में बने फेसिलिटेशन सेंटर्स पर 2 लाख 24 हजार 789 मत डाले.पोस्टल बैलेट और ईडीसी की सुविधा का चयन करने वाले कार्मिकों में से 94 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
27 विधानसभा क्षेत्रों में बढी वोटिंग, 173 में वोटिंग कम
लोकसभा चुनाव 2019 के मुकाबले इस बार तीन लोकसभा सीट बाडमेर, कोटा और बांसवाडा में 1.08 फीसदी से 2.81 प्रतिशत तक वोटिंग बढी हैं.वहीं 27 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत बढा हैं.जिसमें चूरू की तारानगर, भरतपुर की कामां, बाडमेर लोकसभा की आठ सीट जैसलमेर, शिव, बाडमेर, बायतू, पचपदरा, सिवाना, गुढामलानी और चौहटन विधानसभा, जालौर लोकसभा सीट जालौर विधानसभा, बांसवाडा लोकसभा की डूंगरपुर, सागवाडा, चौरासी, घाटोल, गढी और बागीदौरा विधानसभा, चित्तौडगढ की निम्बाहेडा विधानसभा, कोटा में केशोरायपाटन, बूंदी, पीपल्दा, सांगोद, कोटा नोर्थ, कोटा साउथ,लाड़पुरा और रामगंजमंडी विधानसभा में जमकर वोट पड़े.जबकि 173 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत घटा हैं.
61 विधानसभा सीटों पर महिलाएं मतदान में आगे
लोकसभा चुनाव में इस बार महिलाओं ने भी बाजी मारी है.25 में से 8 लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक मतदान किया है.इसमें प्रथम चरण चुनाव वाली 3 और दूसरे चरण वाली 5 लोकसभा सीट शामिल हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया की 25 लोकसभा सीटों पर कुल 2 करोड 56 लाख 27 हजार 971 महिला मतदाताओं में से 1 करोड 55 लाख 61 हजार 285 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.प्रदेश के सभी 25 लोकसभा क्षेत्रों में 60.72 प्रतिशत महिलाओं मतदान किया है.आठ लोकसभा क्षेत्रों, चूरू, झुंझनूं, सीकर, पाली, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा और राजसमंद, में महिलाओं ने पुरूषों के मुकाबले अधिक मतदान किया है.
प्रदेश के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 61 में महिला मतदाताओं ने पुरूषों से अधिक मतदान किया है.इन क्षेत्रों में महिला और पुरूष मतदाताओं द्वारा किए गए मतदान में 0.06 प्रतिशत से 10.74 प्रतिशत तक का अंतर है.राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में आने वाली भीम विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 10.74 फीसदी का अंतर है.
16 फीसदी फर्स्ट टाइम वोटर्स ने दिखाई बेरूखी
लोकसभा चुनाव-2024 के तहत 18-19 वर्ष आयु के कुल पंजीकृत 16 लाख 64 हजार 845 नव मतदाताओं में से कुल 9 लाख 91 हजार 505 ने मतदान किया है.इस आयु वर्ग के करीब 60 फीसदी मतदाताओं ने अपना मताधिकार का प्रयोग किया है.सर्वाधिक 77.93 फीसदी मतदान बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र और सबसे कम 47.44 प्रतिशत मतदान करौली धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में हुआ है.
चार लोकसभा क्षेत्रों में 70 प्रतिशत के अधिक मतदान हुआ है.वहीं 10 लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां इस श्रेणी के औसत मतदान से अधिक मतदान हुआ है.जबकि 2019 के लोकसभा आम चुनाव के दौरान 18-19 वर्ष आयु के कुल पंजीकृत 13 लाख 82 हजार 834 नव मतदाताओं में से कुल 10 लाख 60 हजार 637 ने मतदान किया था.
इस दौरान इस श्रेणी के करीब 76.70 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था.लोकसभा आम चुनाव-2024 के दौरान 4 लोकसभा क्षेत्रों में वर्ष 2019 के मुकाबले अधिक मतदान दर्ज किया गया है.बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में 66.43 फीसदी मतदान हुआ था, इस बार यह आंकड़ा 74.59 फीसदी हो गया है.वर्ष 2019 के मुकाबले इस वर्ष कोटा लोकसभा क्षेत्र में मतदान 67.95 प्रतिशत से बढ़कर 73.39 प्रतिशत, अलवर में 54.41 प्रतिशत से बढ़कर 55.08 और गंगानगर लोकसभा क्षेत्र में 61.48 प्रतिशत से बढ़कर 62.01 प्रतिशथ हो गया है.
बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 8.16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.कोटा लोकसभा क्षेत्र में 5.44 प्रतिशत मतदान बढ़ा है.प्रदेश की 92 विधानसभा क्षेत्रों में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के नव मतदाताओं के औसत मतदान से अधिक मतदान दर्ज किया गया है.साथ ही 5 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं.
जहां 90 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है.बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में 99.37 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 95.81 प्रतिशत और घाटोल विधानसभा क्षेत्र में 91.08 प्रतिशत मतदान हुआ है.जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में 97.62 प्रतिशत और बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र के जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में 96.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है.
25 लोकसभा क्षेत्रों में 68.63 दिव्यांग मतदाताओं ने किया मतदान
प्रदेश में 25 लोकसभा क्षेत्रों में 68.63 दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया.प्रथम चरण के 12 लोकसभा क्षेत्रों में 62 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया.जबकि दूसरे चरण में 13 लोकसभा क्षेत्र में 72.94 दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया है.बांसवाड़ा में सर्वाधिक 84.93% जबकि भरतपुर में सबसे कम 44.37% दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया है.
शहरी क्षेत्र में ग्रामीण से ज्यादा हुआ मतदान
25 लोकसभा सीटों की बात करें तो शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत ज्यादा रहा है.दोनों चरणों में 25 सीटों पर शहरी मतदाताओं का प्रतिशत 63.33 फीसदी रहा.वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 25 संसदीय सीटों पर 60.79 फीसदी रहा.पहले चरण में 12 सीटों पर शहरी क्षेत्रों में 60.79 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 56.40 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया.
जिसमें महिलाओं से ज्यादा पुरूषों का मतदान प्रतिशत रहा.जबकि दूसरे चरण में 13 सीटों पर ग्रामीण क्षेत्र के कुल 64.86% और शहरी क्षेत्र के कुल 65.69 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया.लेकिन दूसरे चरण की 13 लोकसभा क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र की महिला मतदाता शहरी क्षेत्र की महिला मतदाताओं से मतदान करने में आगे रही.वहीं शहरी क्षेत्र के पुरुषों ने ग्रामीण क्षेत्रों के पुरुषों से अधिक मतदान किया,.
7 हजार 436 पोलिंग बूथ पर 50 फीसदी से कम वोटिंग
पहले और दूसरे चरण में 53 हजार 128 पोलिंग बूथों पर 61.53 फीसदी वोटिंग हुई.जिसमें पहले चरण में 24 हजार 158 बूथ में से 12 हजार पोलिंग बूथ पर औसत वोटिंग की तुलना में कम वोटिंग हुई.जबकि दूसरे चरण में 28 हजार 758 बूथ में से 13 हजार 762 बूथों पर औसत वोटिंग से कम वोटिंग हुई.
कुल बूथों की तुलना में 7 हजार 436 पोलिंग बूथों पर 50 फीसदी से कम मतदान हुआ.53 हजार 128 पोलिंग बूथों में से 2 हजार 884 ऐसे बूथ रहे 81 से 100 फीसदी तक पोलिंग हुई.जबकि 81 से 90 फीसदी की कैटेगिरी में 2469 बूथ शामिल हैं.इसी तरह 415 बूथ ऐसे हैं जहां 91 से 100 फीसदी तक वोटिंग हुई.जबकि 51 से 60 प्रतिशत तक 15 हजार 742 पोलिंग बूथों पर वोटिंग हुई.वहीं 61 से 70 फीसदी वोटिंग वाले पोलिंग बूथों की संख्या 17 हजार 950 है.और 71 से 80 प्रतिशत वोटिंग वाले पोलिंग बूथों की संख्या 9 हजार 130 हैं.
बहरहाल, लोकसभा चुनाव में प्रदेश में इस बार मतदान 61.53 फीसदी रहा.जिसके नतीजे 4 जून को सामने आएंगे.पिछले दो चुनाव के परिणाम देखें तो 63 प्रतिशत से ज्यादा मतदान होने पर सभी 25 सीटें भाजपा और सहयोगियों के खाते में गईं.जबकि 2009 में मतदान 50 फीसदी से कम रहने पर कांग्रेस ने 20 सीट जीती.परिसीमन से पहले वर्ष 2004 का चुनाव ऐसा भी रहा जब मतदान 50 फीसदी से कम रहने पर भी 21 सीटें भाजपा की झोली में गईं.
इसी बीच चुनाव परिणाम को लेकर पिछले चार चुनावों के मतदान प्रतिशत का विश्लेषण किया तो सामने आया कि 2009 में कम मतदान ने कांग्रेस को फायदा पहुंचाया.वहीं परिसीमन से पहले वर्ष 2004 में हुए चुनाव में 50 फीसदी से कम मतदान होने के बावजूद 25 में से 21 सीट भाजपा की झोली में गईं.ऐसे में राज्य में मतदान के औसत 61.53 फीसदी से कम मतदान वाली इन सीटों को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अपने-अपने हिसाब से गणित लगा रहे हैं.
यह भी पढ़ें:Churu Accident News:सालासर मार्ग पर दो वाहनों की भीषण टक्कर,हादसे में महिलाओं सहित 1 दर्जन घायल