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नागौर: मकराना में आज रविवार को न्यायालय परिसर में विधिक साक्षरता हेतु चलाए गए एंपावरमेंट ऑफ सिटीजन थ्रोट लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच अभियान व हक हमारा भी तो है अभियान का समापन किया गया. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा विधिक साक्षरता हेतु समाज के प्रबुद्ध जनों,  सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अध्यक्ष ताल्लुका विधिक सेवा समिति कुमकुम अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अध्यक्षता में चाय पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. न्यायाधीश कुमकुम द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1986 के अंतर्गत समाज के कमजोर और उपेक्षित वर्गों को शीघ्र व सस्ता न्याय दिलाने के लिए विधिक सेवा संस्थाओं का गठन किया गया है.


इन मुद्दों पर विस्तार हुई चर्चा


कल्याण के इसी क्रम में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और उसका फायदा आमजन को कैसे पहुंचाया जा सके, इसके प्रयास किए जाने हेतु प्रेरित किया गया. नालसा द्वारा संचालित तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए विधिक सेवाएं, बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं, मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं गरीबी उन्मूलन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाएं, नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा, एसिड हमले के पीड़ितों के लिए विधिक सेवा आदि योजनाओं के बारे में जानकारी दी.


इस प्रकार समाज के कमजोर, गरीब, निरक्षर एवं उपेक्षित वर्गों के कल्याण के लिए कुल 9 योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन अशिक्षा और जानकारी के अभाव में इन सभी का पूरा लाभ इन वर्गों को नहीं मिल पा रहा है. इस स्थिति को मध्य नजर रखते हुए प्रशासन, सामाजिक कार्यकर्ता, पैनल अधिवक्ता, पैरा लीगल वालंटियर के माध्यम से विधिक साक्षरता का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. न्यायाधीश कुमकुम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण करना सभी की जिम्मेदारी हैं. इसके संरक्षण के लिए प्लास्टिक बंद करने में सभी सहयोग करें.


सिंगल प्लास्टिक पर पूरी तरह हो बैन


उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को गलने में हजारों वर्षों का समय लगता हैं. ऐसे में प्लास्टिक से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा हैं. दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें और कपड़े का उपयोग करें. प्रधानाचार्य अब्दुल वहीद खिलजी ने कहा कि औद्योगिक विकास के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य करना चाहिए. लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होगा. पंडित विमल पारीक शास्त्री ने कहा कि अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे. अंजुमन सचिव हारून राशिद चौधरी ने कहा कि ऊर्जा के नए और इको फ्रेंडली विकल्पों को ज्यादा अपनाना होगा. जिससे पर्यावरण संरक्षण में काफी सहयोग होगा.  इस दौरान बजरंग लाल पारीक और पैनल अधिवक्ता तलत हुसैन हनीफी ने भी अपने विचार प्रकट किए तथा सचिव जितेंद्र कुमार जावा, गुमानाराम व प्रेमसुख भाकर भी मौजूद रहे.


Reporter- Hanuman Tanwar