Deedwana News, Nagaur: यह लड़खड़ाते पैर आज भले ही चलने के लिए लाठी या दीवार का सहारा ढूंढ रहे हों. वो पैर कभी मेहनत मजदूरी करते नहीं थके थे.  आज अपना दुख सुनाते-सुनाते जो गला भर जाता है, वो आवाज भी कभी बुलंद हुआ करती थी, लेकिन जिसने बुढ़ापे की लाठी समझकर बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, उसी बेटे ने बुढ़ापे में लाठी बनने की बजाय पिता को वृद्धावस्था में मारपीट कर घर के बाहर निकाल दिया. इसकी वजह से वृद्ध पिता अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. 


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यह कहानी बुजुर्ग हेमराज की, जिसने मात्र 9 साल की उम्र में ही मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार को पालना शुरू किया. बड़ा हुआ तो परिवार की जिम्मेदारियां निभाने के लिए अपनी पूरी जवानी मेहनत मजदूरी में निकाल दी. अपनी कमाई से ही परिवार के लिए गांव में जमीन लेकर खुद की कमाई से मकान बनवाया. 


हेमराज के 4 पुत्र थे, जिसमें से दो की अकाल मृत्यु हो गई. अब दो बेटे हैं, लेकिन बुढ़ापा अपनी कमाई से बनाए मकान में निकालने की ख्वाहिश से बेटे के पास रहने की चाह की तो बेटे-बहू ने घर के बिजली-पानी के कनेक्शन कटवा दिए. यहां पर भी बेटे-बहू की सितम कम नहीं हुए, बुजुर्ग पिता को मारपीट कर घर से बेघर कर दिया और खुद ही मकान पर कब्जा कर के बैठ गए. अब न तो बेटे बहू बुजुर्ग को घर में आने दे रहे हैं और न ही अन्य रिश्तेदारों और दूसरे बेटे को घर में आने दे रहे हैं. 


मजबूरन बुजुर्ग हेमराज को अब बेटी के घर में आश्रय लेना पड़ रहा है. हेमराज का छोटा बेटा बांसवाड़ा रहता है, वहां भी हेमराज कुछ दिन रहे, लेकिन वहां की आबोहवा हेमराज को रास नहीं आई, जिसके चलते अब हेमराज बेटी के घर रहने को मजबूर है. मारपीट और घर से निकलने के बाद बुजुर्ग हेमराज ने पुलिस को भी इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने भी केवल एप्लीकेशन लेकर इतिश्री कर ली. 


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तीन साल से दर-दर की ठोकरें खा रहे बुजुर्ग ने आज डीडवाना उपखंड अधिकारी जीतू कुलहरी के सामने अपनी पीड़ा रखकर न्याय की मांग की. उपखंड अधिकारी जीतू कुलहरी ने बुजुर्ग हेमराज की पीड़ा सुनकर उनको न्याय का आश्वासन दिया. वहीं, इस मामले में मौलासर थाना पुलिस को भी जांच कर त्वरित रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. 


Reporter- Hanuman Tanwar