Ladnun, Didwana News: लाडनूं में गर्मी के मौसम को देखते हुए क्षेत्र के लोगों को जलदाय विभाग समान रूप से पेयजल उपलब्ध करवाने की कवायद में लगा हुआ है लेकिन इस दौरान जलदाय के कार्मिकों व अधिकारियों को पानी की चोरी और सीनाजोरी से रूबरू होना पड़ा.


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दंबग लोगों ने अपनी दादागिरी देखाते हुए जलदाय विभाग की टीम के साथ मारपीट की. घटना का जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने वीडियो बना लिया, जिसमें आरोपी मारपीट करते देखे जा सकते हैं. 


मामला लाडनूं तहसील के ग्राम चूंडासरिया का है. यहां जलदाय विभाग की मुख्य राईजिंग लाईन से किए गए अवैध जल कनेक्शन पर कार्रवाई के दौरान जलदाय विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर अवैध कनेक्शन धारी ग्रामीणों ने हमला करके राजकार्य में बाधा पहुंचाते हुए पिटाई कर डाली. 


इस संबंध में पुलिस में आरोपियों के खिलाफ विभाग की ओर से नामजद मुकदमा दर्ज करवाया गया है. गांव के ही धर्माराम गौदारा, जगदीश कासनियां, राजू कासनियां, भागू कासनियां, भोलाराम गौदारा, धर्माराम गौदारा सहित अन्य ने राज कार्य में बाधा पहुंचाई और मारपीट भी की. फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. सीआई महिराम विश्नोई ने बताया कि मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.  


पढ़िए नागौर की एक और खबर 
Deedwana: अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए जब्त किए 4 टेक्टर -ट्रॉली और मशीन, तहसीलदार के निर्देशन में हुई कार्रवाई


Nagaur News: डीडवाना जिले नावा शहर की सीमा से लगती साम्भर झील में अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए प्रशासन निगरानी का अभियान चलाता रहता है. एक दिन, दोपहर को जाबदी नगर के पास स्थित साम्भर झील क्षेत्र में गश्त के दौरान,अवैध रूप से हरे पेड़ो और झाड़ियों की कटाई करते हुए 2 टेक्टर के पिच्छे लगी मशीने मिली जहां दो ट्रेक्टर ट्रॉली हरे पेड़ो को काटकर तूड़ी बनाकर उनमे भरे हुए पाए गए. टीम को देखकर ड्राइवर और मजदूर तुरंत मौके से फरार हो गए. इस संदिग्ध क्रिया में खसरा संख्या 2/1 विवादित भूमि के मामले में न्यायालयों द्वारा रोक लग चुकी है.  


तहसीलदार सज्जन राम के निर्देशन में, पुलिसके जरिए नावा पटवारी ने वाहनों की जब्ती की गई और पर्यावरण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. चार ट्रैक्टरों में से 3 ट्रैक्टरों को बिना नंबर पाए गए.


नावा शहर में लगभग 5,000 से अधिक ट्रैक्टर लोड वाहनों का उपयोग होता है, लेकिन इनमें से करीब 2 प्रतिशत वाहनों में अक्सर नंबर नहीं होता है. यह अवैध गतिविधियां पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होती हैं.