शहीद के घर 8 साल बाद पहुंचा शहादत का प्रमाण पत्र, माहौल हुआ गमगीन
देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान देने वाले सैनिक के साथ भी लापरवाही सामने आई है. शहीद हुए खेडूली निवासी गणपत सिंह नरूका के घर शहादत के 8 साल बाद शहीद होने का प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे BSF 76 BN डिप्टी कमांडेंट सुनील कुमार ने शहीद की पत्नी रिधु कंवर और पुत्री पूनम को सभी दस्तावेज सुपुर
नागौर: देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान देने वाले सैनिक के साथ भी लापरवाही सामने आई है. शहीद हुए खेडूली निवासी गणपत सिंह नरूका के घर शहादत के 8 साल बाद शहीद होने का प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे BSF 76 BN डिप्टी कमांडेंट सुनील कुमार ने शहीद की पत्नी रिधु कंवर और पुत्री पूनम को सभी दस्तावेज सुपुर्द किए. पति के साथियों को देखकर शहीद की पत्नी व पुत्री अपने आंसुओं पर काबू ना पा सके और एक बार फिर माहौल गमगीन हो गया.
B S F 76 BN के डिप्टी कमांडेंट सुनील कुमार ने शहीद की पत्नी रिदु कंवर व पुत्री पूनम को गणपत सिंह नरूका के शहीद होने का प्रमाण पत्र सौंपते हुए सरकार द्वारा परिजनों को आर्थिक मदद के अतिरिक्त दी जाने वाली सहायता की जानकारी देते हुए बताया कि शहीद की पत्नी के स्वामित्व वाले 4000 स्क्वायर फीट के प्लॉट पर भवन निर्माण के लिए उपयोग में ली जाने वाली सीमेंट श्री सीमेंट कंपनी द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी.
बीएसएफ के नागौर कार्यालय से आए अधिकारियों द्वारा शहीद के परिजनों से घर के हालात एवं परेशानियों के बारे में पूछा गया तब पुत्री पूनम ने अपने पिता के साथी बीएसएफ जवानों पर नाराजगी जताते हुए कहां की आप इतने दिन क्यों नहीं आए हमने आपने अकेला छोड़ दिया पुत्री की यह बात सुनकर सभी की आंखें नम हो गई. सही की पत्नी ने अपनी भावनाओं और आंखों पर काबू पाते हुए वीर शहीदों के जयकारे लगाए. खेडूली सरपंच मोहन राम एवं रेवत सिंह के नेतृत्व में परिजनों द्वारा शहीद की जमीन पर बने हुए सरकारी विद्यालय का नाम सहित गणपत सिंह नरूका के नाम पर रखने की मांग सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगाते हुए एक ज्ञापन दिया.
Reporter- Hanuman Tanwar