Nagaur Crime: शहर में कचहरी परिसर के बाहर अंधाधुंध फायरिंग कर हरियाणा के गैंगस्टर संदीप बिश्नोई उर्फ संदीप सेठी की हत्या करने वाले बदमाशों को ठिकाने लगाकर उस हत्या का बदला लेने की बड़ी साजिश का कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने नागौर में एक और गैंगवार होने से पहले ही इस साजिश का खुलासा करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. 


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इन आरोपियों को हरियाणा के बदमाशों ने संदीप सेठी हत्याकांड का बदला लेने के लिए सवा करोड़ रुपए में डील की थी और दो लाख रुपए एडवांस भी दे दिए थे. ये लोग जेएलएन हॉस्पिटल के आस पास रैकी कर रहे थे लेकिन पुलिस की सजगता से वारदात से पहले ही संदिग्ध लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं.


 पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब दोनों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। दोनों युवक महज 21 साल के हैं।19 सितंबर 2022 को हरियाणा की गैंगों में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दिप्ती गैंग के शूटरों ने नागौर में कचहरी परिसर के आगे सुपारी किलर संदीप सेठी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. इस प्रकरण में नागौर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों को खंगाला और बाद में जगह जगह दबिश देकर दिप्ती सहित उनके साथियों को पकड़ लिया था. 


इस हत्याकांड का बदला लेने के लिए संदीप सेठी गैंग के गुर्गे दिप्ती व उसके साथियों को गोलियों से भूनने की साजिश रची जा रही थी। नागौर के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी गैंगवार की आशंका जता रहे थे और उन्होंने इसी कारण पुलिस को पहले से ही हाई अलर्ट मोड पर रख रखा था और बाहर से आने जाने वाले हर संदिग्ध पर यहां पूरी नजर रखी जा रही थी.


पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि संदीप सेठी हत्याकांड का बदला लेने के लिए गैंगवार की आशंका थी इसलिए पुलिस को हाई अलर्ट कर रखा था. लगातार प्रयास किए जा रहे थे. प्रत्येक संदिग्ध पर पुलिस पैनी नजर रख रही थी. नाकाबंदी, होटल चैकिंग, ढाबा और होटलों पर लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था. फिल्ड इंटेलीजेंस का दायरा बढाते हुए विशेष टीम का गठन किया गया था.


इस टीम के उपनिरीक्षक दिलीप सहल मय जाब्ता ने 23 दिसंबर को दौरान गश्त लहरीराम कांस्टेबल की सहायता से आरोपी लोकेंद्र पुत्र सतवीर सिंह जाति जाट निवासी रामराय थाना जिन्द जिला हरियाणा को जेएलएन हॉस्पिटल के पास रैकी करते पकड़ा. उसके पास से एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि ये मोटरसाइकिल लोकेंद्र जाट को कुचेरा जिला नागौर निवासी धीरज उर्फ टींकू पुत्र अशोक प्रजापत ने उपलब्ध कराई थी। इस आधार पर पुलिस ने आरोपी धीरज प्रजापत को भी गिरफतार कर लिया है. प्रकरण दर्ज कर खींवसर के थानाधिकारी अशोक बीसू ने अनुसंधान प्रारंभ किया है.


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एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि संदीप सेठी की हत्या का बदला लेने के लिए दिप्ती व उसकी गैंग की हत्या की डील सवा करोड़ रुपए में हुई थी। आरोपियों को 2 लाख रुपए एडवांस भी प्रदान किए गए थे. योजना को अंजाम देने के लिए दो शॉर्प शूटरों का चयन किया गया था. संदीप सेठी गैंग के 2 गुर्गें लोकेंद्र के साथ नागौर आए हुए थे. ये कई दिनों से जेएलएन हॉस्पिटल व न्यायालय परिसर के पास रैकी कर रहे थे. ये लोग जेएनएन हॉस्पिटल के आस पास वारदात को अंजाम देना चाहते थे मगर नागौर पुलिस टीम की सजगता से गैंगवार से पहले ही इस साजिश का खुलासा कर दिया गया. अब पुलिस गिरफ्तार युवकों से कड़ी पूछताछ कर रही है.