Nagaur: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एसीबी के कार्यवाहक डीजीपी द्वारा लाए गए आदेश को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. वहीं सरकार की नियत पर सवालिया निशान खड़े किए. सांसद ने कहा की एक तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की बात करते हैं, दूसरी तरफ राजस्थान में एसीबी के कार्यवाहक डीजी ने भ्रष्टाचार में लिप्त चेहरों को बचाने के लिए जिस तरह का आदेश निकाला वो आदेश बेतुका और गैर जिम्मेदाराना है.


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वहीं, राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा इस संदर्भ में दिए गए बयानो पर बेनीवाल ने कहा की मंत्री कह रहे है की ऐसे आदेशों से शायद मुख्यमंत्री भी सहमत नही होंगे. चूंकि सरकार के मंत्री का बयान सरकार की मंशा और सोच को दर्शित करत ऐसे में या तो मंत्री बैतुके बयान दे रहे है या मंत्री खुद यह बात स्वीकार कर रहे है की राजस्थान में ब्यूरोक्रेट्स और अन्य अधिकारी ही सत्ता चला रहे है और वो चुनी हुई सरकार से ऊपर है. सांसद ने कहा की तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार में हुए बहुचर्चित एकल पट्‌टा जारी करने के मामले में मंत्री शांति धारीवाल पर आरोप लगे और स्वयं गहलोत ने और फिर वसुंधरा ने अपने शासन काल में जिस तरह मंत्री धारीवाल को बचाया उससे भाजपा और कांग्रेस दोनो की नीयत जनता के सामने स्पष्ट हो गई. और मुख्यमंत्री के कैबिनेट में एक दर्जन मंत्री और ब्यूरोक्रेट्स तथा विधायक जमकर भ्रष्टाचार कर रहे है ऐसे में एसीबी डीजी इस तरह के तुगलकी फरमान बिना मुख्यमंत्री के मर्जी के कैसे निकाल सकते है यह समझ से परे है.


प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार नहीं किया जायेगा बर्दास्त


सांसद ने कहा की चुंकि राजस्थान में भ्रष्टाचार पहले से ही चरम पर था लेकिन लेकिन बुधवार को नए कार्यवाहक एसीबी डीजी ने जो आदेश निकाला है? बड़ा ही शर्मनाक है,उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा की इस अधिकारी ने नया आदेश किसके कहने पर निकाला है? विभाग का मंत्री कौन है? यह जनता अच्छी तरह जानती है. क्या मुख्यमंत्री राजस्थान को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाना चाहते हैं? लूट खसोट में कोई व्यवधान ना आए इसलिए यह नियम लाए हैं? एसीबी के वह कौन अधिकारी हैं? जिन्होंने मामला रफा-दफा करने की एवज में दस लाख की मांग कर डाली? ऐसे भ्रष्टाचारियों का नाम उजागर ना हो इसलिए यह नियम लाया गया है? राजस्थान में पहले ही कानून व्यवस्था इतनी लचर है? कि देश के विभिन्न राज्यों के अपराधी राजस्थान में शरण लेकर बैठे है,


ऐसे में सीएम अपराध के साथ अब राजस्थान को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने पर क्यों तुले है. सरकार ने ऐसा तुगलकी फरमान वापिस नही लिया तो बड़ा प्रदर्शन प्रदेश भर में शासन के खीलाफ किया जाएगा. सांसद ने कहा की पूर्ववती भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार में लिप्त चेहरों को बचाने के लिए और प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने के लिए काला कानून लेकर आई उसे भी उस सरकार को मीडिया और जनता के दबाव में वापिस लेना पड़ा ऐसे में एसीबी इस तरह के आदेश लाकर प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम लगाना चाहती है जिसे बर्दास्त नही किया जायेगा वहीं सांसद ने कहा की सत्ता के मद में शासन यह नहीं भूले की लोकतंत्र में जनता सर्वोपरी है.


Reporter- Damodar Inaniya