Deedwana: डीडवाना उपखण्ड क्षेत्र के नझदीकी गांव पाटण स्थित इतिहासिक मां शीतला माता मंदिर में प्रति वर्ष चैत्र मास की सप्तमी-अष्टमी को भव्य मेला लगता है और आसपास के दर्जनों गांवों से ही नहीं वरन सुदूर प्रदेशों से चलकर लोग इसमे शामिल होने के लिए आते है. इतिहास के पन्नों में पाटण डूंगरी माता मंदिर अपनी उपस्थिति कई सौ साल पहले दर्ज करवा चुका है परंतु पाटण डूंगरी स्थित शीतला माताजी की स्वयं की कोई आरती नहीं गाई जाती थी क्योंकि आज तक ऐसी कोई आरती की रचना का निर्माण हुआ ही नहीं था.


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इस कमी को शहर के जाने माने शिक्षाविद व साहित्यकार कवि डॉ. नटवर पारीक ने न केवल महसूस किया अपितु माता की आरती रचकर समर्पित किया. अब यहां रोजाना माताजी की आरती गायी जाएगी. ग्रामीण और मंदिर से जुड़े शिक्षक जवाहर लाल चौधरी बताते है कि माताजी की आरती की रचना डॉ. नटवर पारीक ने की है जिसका आज विधिवत ग्रामीणों की उपस्थिति में विमोचन हुआ.


इस अवसर पर ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में जगह जगह लगाए गए आरती रचित पोस्टर के समक्ष खड़े होकर सस्वर आरती का गायन भी किया. डॉ. नटवर पारीक ने कहा कि मातारानी की असीम अनुकम्पा से ही मेरी कलम चली है और मातारानी की आरती की रचना हुई है. मेरे लिए यह परम सौभाग्य की बात है. आज आरती के विमोचन समारोह में मंदिर संचालक श्रवण कूकणा, पुजारी विनोद कुमार, मगाराम कूकणा, हिम्मत सिंह, दल्ला राम, खेमाराम, रामूराम कूकणा, किशना राम जांघू, तेजा राम कूकणा, शिक्षक नेता जवाहर चौधरी , ॉसारिका पारीक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे.


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