Nagaur, Ladnun: सालासर राष्ट्रीय राजमार्ग -58 (National Highway-58) पर पिछले लंबे समय से अव्यवस्थाओं का आलम है. एनएचएआई (NHAI) विभाग की उचित मॉनिटरिंग के अभाव में हाईवे पर रात के समय दुर्घटना संभावित मोड़ और स्थान को रोशन करने वाली स्ट्रीट लाइटें तक बंद पड़ी रहती है. 


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लाखों वाहनों से सुविधाओं के नाम पर टोल टैक्स वसूला जाता है. ताकि वाहन चालकों को नेशनल हाईवे पर बेहतर सुविधाएं मिल सकें. एक लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चालकों को जो सुविधाएं नेशनल हाईवे पर मिलनी चाहिए. वो उनसे कोसों दूर है. वहीं दूसरी तरफ टोल कर्मियों के द्वारा बेहतर सुविधाओं के नाम से टोल वसूला जा रहा है.


हम बात कर रहे है नेशनल हाईवे संख्या 58 निंबी जोधा टोल प्लाजा की, जहां पर आने जाने वाले वाहन चालकों से सुविधाओं देने के नाम पर टोल वसूली की जाती है. लेकिन टोल से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थिति मोड़ पर स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी रहती है. इतना ही नहीं लापरवाही का आलम यह है कि यहां फ्लाईओवर भी रात भर अंधेरे में डूबा रहता है. जिस फ्लाईओवर का जिक्र किया जा रहा है वो टोल प्लाजा से दो किमी भी दूर नहीं है. 


नियमानुसार टोल टैक्स नेशनल हाईवे पर स्ट्रीट लाइटें चालू रहनी चाहिए. लेकिन यहां पर ना नियमों का डर है और ना ही उच्च अधिकारियों के आदेशों का डर. नतीजन यहां पर पिछले करीब एक साल से फ्लाईओवर को रोशन करने वाले लाइटे बंद पड़ी रहती है. इस बारे में ओवरब्रिज के पास ही होटल संचालक नारायण राम, गोपाल धेतरवाल ने बताया की फ्लाईओवर पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. रात के समय स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है. ऐसे ने यहां पर विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता है.


नेशनल हाईवे पर दर्जनों होटले बनी हुई है. जो अपनी दुकानदारी चमकाने व ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सभी नियमों को ताक में रखकर हाईवे बाउंड्री में बड़े-बड़े बोर्ड, साइन बोर्ड व लाइटिंग करते हैं. जिनकी सर्विस लाइन हाईवे के ऊपर से होकर मनमर्जी से लगा दी जाती है. 


अनधिकृत तरीके से लगाई गई सर्विस लाइन भारी वाहनों के ऊपर से मौत बनकर गुजरती है. जिसे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चालकों के लिए टोल प्लाजा पर जन प्रसाधन बनाए गए है. जिनकी ना ही समय पर सफाई की जाती और ना ही यहां पर पानी भरा जाता है. ऐसे में इस सुविधा को लेकर वाहन चालको को परेशान होकर होटलों का सहारा लेना पड़ता है.


NHAI के प्रोजेक्ट मैनेजर हरिश चंद्रा से हमने जब फोन पर बात कि तो उनका यह कहना था कि मैंने अभी ज्वाइन किया है, मेरे को इसकी जानकारी नहीं है. अगर इस प्रकार की बात है तो हाईवे पर औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करुंगा.