शीतकालीन अवकाश के दौरान धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं निजी विद्यालय,आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियां
मेड़ता शहर में शीतकालीन अवकाश केवल सरकारी विद्यालय तक सीमित रह गया है. आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
Merta: मेड़ता शहर में सरकारी आदेशों की अवहेलना कर निजी विद्यालय संचालक शीतकालीन अवकाश के उपरांत भी विद्यालय संचालित कर रहे हैं. शिक्षा निदेशक कार्यालय बीकानेर से आदेशों की अवहेलना करने पर मान्यता रद्द करने जैसे आदेश जारी होने के उपरांत भी शहर में धड़ल्ले से निजी विद्यालयों संचालित किए जा रहे हैं. गौरतलब बात तो यह है कि इन पर अंकुश लगाने वाला सीबीओ कार्यालय धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहा है.
मेड़ता शहर में शीतकालीन अवकाश केवल सरकारी विद्यालय तक सीमित रह गया है या यूं कहें की निजी विद्यालय संचालकों की मनमानी के चलते शीतकालीन अवकाश के सरकारी आदेश बोलने साबित हो रहे हैं. बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास के साथ-साथ ठंडे मौसम की मार से बच्चों को बचाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा की जाने वाली 25 दिसंबर से 05 जनवरी तक शीतकालीन छुट्टियां अब निजी संचालकों की मनमानी के चलते बच्चों को नसीब नहीं हो पा रही है.
बच्चों की शिक्षा का हवाला देकर अपनी शिक्षा की दुकान को चलाने वाले ये बड़े संस्थान ना केवल सरकारी आदेशों की अवहेलना कर रहे है. बल्कि बच्चों के अधिकारों का भी हनन कर रहे है. गौरतलब बात तो यह है कि इन बड़े संस्थानों के खिलाफ शिक्षा विभाग के अधिकारी भी ना केवल बयान देने से बचते है. बल्कि इनके विरुद्ध कार्रवाई करने से भी परहेज रखते हैं. सच कहें तो शिक्षा को अपना व्यवसाय बना कर अपनी दुकाने चलाने वाले यह संस्थान सरकारी आदेशों को महज एक कागज का टुकड़ा मानकर ही अपनी मनमर्जी करने पर आमादा है. इस संबंध में उपखंड अधिकारी पूरण कुमार से पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यदि निजी विद्यालय द्वारा ऐसा किया जा रहा है तो निश्चित ही उनके खिलाफ कानूनी एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
Reporter-Damodar Inaniya
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