मेड़ता: कमाल की कारीगरी के साथ नीड का निर्माण, जानिए इसमें क्या है खास...
प्रकृति बहुत सुंदर है, इसकी सुंदरता इसकी विविधता में छिपी हुई होती है और कुदरत कई बार अनोखे नजारे दिखाकर सोचने पर मजबूर कर देती है.
Merta: कुदरत के खेल निराले हैं, जहां एक ओर इंसान अपने घर का निर्माण किसी और से करवा कर अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है तो वहीं दूसरी ओर इस मूक दर्जिन चिड़िया ने प्रकृति से अपने परिवार को बचाने के लिए कलात्मक सोच के साथ एक ऐसा आशियाना तैयार किया है, जिसे देखकर हर कोई दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जाता है.
यह भी पढ़ें- मेड़ता: अमृत सरोवर अभियान के तहत होगी अमृतिया तालाब की कायापलट
प्रकृति बहुत सुंदर है, इसकी सुंदरता इसकी विविधता में छिपी हुई होती है. कुदरत कई बार अनोखे नजारे दिखाकर सोचने पर मजबूर कर देती है. ऐसा ही नजारा खाखड़की गांव के जय पैलेस रामबाग में देखने को मिला, जहां एक पत्ते के अंदर पक्षी द्वारा बनाया गया. बेहद सुंदर और अनूठे आशियाने से पक्षी ने अपनी कला का अद्भुत नमूना पेश किया.
गोरैया चिड़िया जैसी दिखने वाली इस दर्जिन चिड़िया की कारीगरी इतनी कमाल की है, जिसने भी यहां आकर देखा हर कोई देखते ही हैरत में रह जाता है. पंछी की इस कलात्मक सोच को देखकर लगता है कि पक्षी प्रकृति के बेहद करीब है और इसलिए प्रकृति की मदद से वह इतनी बेहतरीन कलाकारी कर पाते हैं.
जय पैलेस रामबाग के मालिक रामचंद्रपिचकिया ने बताया कि यह एक दर्जिन नामक चिड़िया का आशियाना है जिसकी एक लंबी सीधी पूंछ हरे रंग की ऊपरी शरीर की परत और (भुरा) रंग का माथा है. यह पक्षी आमतौर पर खुले खेत, झाड़ी और बगीचों में पाए जाते हैं. पक्षी ने एक बड़े पत्ते के किनारा को छेदा और पालना बनाने के लिए पौधे के रेशे या कीटों के रेशम के साथ धागों को पिरोकर एक दर्जी की तरह पतियों की सिलाई कर पतियों के बीच बनी जगह में घास पात और रुई इत्यादि बिछाकर एक सुविधाजनक घोंसला तैयार किया है. खास बात यह है कि पक्षी रचनात्मक कार्य में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करते हैं जिससे मनुष्य को भी प्रेरणा लेकर पर्यावरण संरक्षण हेतु प्लास्टिक का बहिष्कार करना चाहिए.
Reporter: Damodar Inaniya