Raja Love Story : राजा रजवाड़ों की कई कहानी प्रसिद्ध हैं, कभी राजाओं के शाही अंदाज की कहानिया सुनने को मिलती है तो कभी उनके शौर्य की कहानी, लेकिन कई कहानियां राजाओं के सनक की भी है. एक ऐसी ही कहानी कपूरथला के राजा की है, जिन्होंने अपनी बेहद खूबसूरत पत्नी को मर्द बना दिया था, और अंग्रेजों की आँखों में ढल झोंक दिया था. 


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कपूरथला के राजा जगजीत सिंह के इस किस्से को सुनकर आज भी लोग चकित रह जाते हैं कि आखिर एक राजा ने अपनी सनक पूरी करने के लिए कैसे अपनी पत्नी को एक मर्द का रूप दे दिया था और अंग्रेजी शाशन को इसकी भनक तक नहीं लगी आइये जानते हैं पूरी कहानी. 


दरअसल ब्रिटिश एरा के दौरान वायसराय ही देश के सबसे प्रमुख अधिकारी होते थे, यहां तक कि देश के सभी राजाओं और शासकों को भी उनके बात माननी पड़ती थी, उस वक्त देश में लार्ड कर्जन का शासन था, इस दौर में राजाओं को विदेश जाने के लिए वायसराय से परमिशन लेनी पड़ती थीं, लेकिन पत्नी को ले जाने कि इजाजत नहीं हुआ करती थी. 


कपूरथला के राजा जगजीत सिंह अपनी शान और शौकत के लिए जाने जाते थे, उन्होंने वायसराय से यूरोप जाने की इजाजत मांगी तो उन्हें इस शर्त पर यूरोप जाने की परमिशन की वो अपने साथ कुछ सहायक ले जा सकते हैं, लेकिन उन्हें अपनी पत्नी को ले जाने की इजाजत नहीं मिली.


जिसके बाद वो ेहद परेशां हो गे ेउन्होने अपनी पांचवी पत्नी रानी कनारी को यूरोप ले जाने का वादा किया था, जिसके बाद उन्हें उनके पिता दौलतराम ने सलाह दी कि वो अपनी पत्नी को मर्द बना कर विदेश ले जाएं. उस दौर में विदेश जाने के लिए पासपोर्ट कि जरुरत नहीं पड़ती थी, यह सुझाव उन्हें तो पहले अजीब लगा लेकिन वो इसके लिए तैयार ही गए,


महाराजा जगजीत सिंह की छह रानियों में एक रानी कनारी साहिबा शिमला के पास जुबल रियासत के दीवान की बेटी थीं, रानी कनारी जगजीत सिंह सबसे ज्यादा प्यार करते थे, लिहाजा उन्होंने वादा पूरा करने के लिए रानी को मर्दाना रूप दिया, पुरुषों के अचकन, पायजामा लाए गए. पगड़ी पहनाई गई. नकली दाढ़ी चिपकाकर उन्हें एक सिख सिपाई का रूप दिया गया. बेहद खूबसूरत दिखने वाली रानी कनारी पूरी तरह से एक सिख सिपाही दिखाई दे रही थी. 


जिसके बाद जिस दिन उन्हें विदेश जाना था, उस दिन रानी को एक सिख सिपाही के रूप में तैयार किया गया. बिना किसी को शक हुए रानी विदेश पहुंच गई, इसे बेहद गोपीय रखा गया. विदेश पहुंचने के बाद राज फिर अपनी वेशभूषा में आ गई, लेकिन जहां भी शाही भोज के लिए जाना होता था रानी को सिख सिपाही बनाकर ही जाना पड़ता था, इस तरह कई महीने दोनों  ने यूरोप में गुजारे.


कुछ महीनों बाद जब राजा भारत पहुंचे तो वायसराय की ओर से उनके सैनिक सचिव ने उनका स्वागत किया, इस समारोह में भी रानी सैनिक की वेशभूषा में ही थी, लेकिन कोई पहचान नहीं पाया. इस तरह राजा ने अपनी रानी को विदेश ले जाने की सनक पूरी की.


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