Nagaur: राजस्थान के नागौर कलेक्टर के चेंबर के बाहर पुलिस और आरएलपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई धक्का मुक्की साथ ही केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का चौतरफा विरोध देशभर में देखा जा रहा है. नागौर जिला मुख्यालय पर भी खींवसर विधायक और आरएलपी नेता नारायण बेनीवाल के नेतृत्व में सैंकड़ों युवा विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पर पहुंचे, जहां गुस्साए युवाओं ने कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश की. 


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इस दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर तैनात जाब्ते ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया जिसमें खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल भी पुलिसकर्मियों से उलझते नजर आए. समझाइश के बावजूद जब भीड़ नहीं डटी तो पुलिस ने जबरन उन्हें कलेक्ट्रेट के बाहर खदेड़ना पड़ा. सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे युवा काफी आक्रोशित नजर आ रहे थे और सीधे कलेक्टर से ही वार्ता करना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस को भीड़ को रोकना पड़ा.


काफी देर तक धक्कामुक्की के बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को कलेक्ट्रेट के बाहर खदेड़ दिया. बाद में खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल के साथ एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर पियूष सामरिया को ज्ञापन सौंप TOD का विरोध जताया. नारायण बेनीवाल ने बाद में कहा कि पुलिस का अपराधियों पर तो जोर चलता नहीं नावां में गोलियां चलाने वाले पर जोर चला नहीं, लेकिन यहां अपने हक की बात रखने आए युवाओं को खदेड़ा जा रहा है.आपको बता दें कि जिला मुख्यालय के अलावा डीडवाना में भी TOD के विरोध में युवाओं ने फाउंटेन सर्किल पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. 


इस दौरान नागौर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर केंद्र सरकार, जिला प्रशासन, पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, मूण्डवा प्रधान प्रतिनिधि रेवंतराम डांगा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी जिलाध्यक्ष हनुमान भाकर, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेंद्र दौतड सहित सैंकड़ों युवा कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे गए. इसके बाद नागौर जिला कलेक्टर पियुष समारिया को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता और खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.


Reporter: Damodar Inaniya