राजस्थान में ये प्रयोग या फिर कल का अभियान? क्योंकि मृत्युभोज के खर्चे से बनवाई गोशाला
राजस्थान समते कई राज्यों से अब ये अबर आम हो गई हैं कि लोग मृत्युभोज का विरोध कर रहे हैं. लेकिन वहीं अधिकांश लोग आज भी इसे परंपरा मान रहे हैं. पर अब राजस्थान में ये प्रयोग है या फिर कल का अभियान है. क्योंकि यहां मृत्युभोज के खर्चे से गोशाला बनवाई गई है.
नागौरः लाडनूं निकटवर्ती ग्राम रींगन में संत दिनेश गिरी, महावीर जत्ति के सुझाव में और विधायक मुकेश भाकर के मुख्य आतिथ्य में श्री कृष्ण गोपाल गोशाला का विधिवत उद्घाटन किया गया. लायंस क्लब पिंडवाड़ा और आदर्श जाट महासभा सिरोही के जिलाध्यक्ष व श्री कृष्ण गोपाल गोशाला के कोषाध्यक्ष भरत पाल बेंदा ने बताया कि संत दिनेश गिरी और महावीर जति के द्वारा गायों की विधिवत पूजा अर्चना कर गौशाला हेतु भूमि दानदाता रामदेव देया, नारायण, लक्ष्मण देया की तारीफ करते हुए गोशाला निर्माण करने वाले स्वर्गीय राधाकृष्ण बैंदा के परिवार के द्वारा मृत्यु भोज जैसी सामाजिक अभिशाप को बंद कर गोशाला हेतु निर्माण करवा कर सामाजिक सरोकार निभाने पर बधाई दी.
विधायक मुकेश भाकर ने भामाशाह परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बैंदा परिवार द्वारा मृत्यु भोज जैसे सामाजिक अभिशाप को बंद कर गौशाला निर्माण जैसे महान कार्य करके निभाए गए. सामाजिक सरोकार के लिए समाजसेवी भरत पाल बैंदा और पूरे परिवार को धन्यवाद देते हुए गोशाला हेतु हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया.
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इस गोशाला का उद्घाटन कार्यक्रम के बाद प्रसादी कार्यक्रम और टोंक के सुप्रसिद्ध गायक कलाकार मालानी द्वारा भजन संध्या का कार्यक्रम रखा गया. इस मौके पर आसपास के सरपंच जनप्रतिनिधि समाजसेवी गांव के लोगों का हुजूम उमड़ रहा था. मृत्युभोज नहीं करके उसके स्थान पर गोशाला निर्माण करवाकर रिंगण के बेंदा परिवार ने एक मिसाल पेश की है.
Reporter-Hanuman Tanwar
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