Merta: नागौर जिले के मेड़ता शहर में यातायात और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली यातायात पुलिस के अधिकारी सहित 16 कर्मचारी अपने आप को असुरक्षित महसूस करने पर मजबूर हैं. साथ ही थाना परिसर के चारों ओर 2 फुट से अधिक जलभराव के बीच रहकर अपनी ड्यूटी करने पर मजबूर हो गए हैं.


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मेड़ता शहर के यातायात एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने सहित 4 पुलिस थानों वायरलेस सिस्टम को संचालित करने वाला यातायात पुलिस थाना आज नगर पालिका की कार्यकुशलता के चलते तालाब में तब्दील हो गया है. नगर पालिका की लापरवाही के चलते महज चार कदम पीछे पुराने भवन में संचालित हो रहा यातायात पुलिस थाना गंदे पानी निकासी के अभाव में दो-दो फुट गहरे पानी में डूब गया है. प्रतिवर्ष जलभराव के चलते जर्जर अवस्था में पहुंच चुके इस भवन में यातायात पुलिस के अधिकारी सहित 16 कर्मचारी कार्यरत हैं. जिनका आवास भी इसी भवन में है.


पुलिस सेवा के वचनों से बंधे इन कर्मचारियों के लिए पानी के बीच खड़े रहकर अपनी ड्यूटी करना चुनौती बन गया है . गत दिनों से हो रही लगातार बारिश में गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण थाने के चारों ओर दो से 3 फीट तक पानी जमा हो गया है. इन पुलिसकर्मियों के लिए आवश्यक फाइलों को संभालना भी मुश्किल होता जा रहा है . हालात यह बन गए है. कि पुलिस सेवा नियमों से बंधे अधिकारी व कर्मचारी पानी के बीच में रहकर अपनी सेवाएं देने को मजबूर हैं.


मेड़ता शहर के 4 थानों का वायरलेस सेट इसी थाने में स्थापित होने के कारण सभी आवश्यक सूचनाएं पुलिस कर्मियों को पानी में खड़े रहकर संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा नहीं पड़ रही है. नगर पालिका की लापरवाही के चलते आम जनता को सुरक्षित रखने वाला पुलिसकर्मी आज स्वयं असुरक्षित महसूस कर रहा है.


Reporter-Damodar Inaniya


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