Parbatsar: नागौरी बैलो के लिए प्रसिद्ध वीर तेजा पशु मेला परबतसर 2022 के प्रस्तावित मेला कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर सोमवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर बाबूलाल जाट की अध्यक्षता में पंचायत समिति के सभाकक्ष में बैठक आयोजित हुई, जहां प्रस्तावित मेले के कार्यक्रम को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. साथ ही आए हुए पशुपालकों से सुझाव के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर बाबूलाल जाट ने मेले की तैयारियों को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि प्रयास यही रहेगा कि मेले में पशु पालकों, पशुओं और व्यापारियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. 


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प्रशासन का यही प्रयास रहेगा, इसमें पशुपालकों का भी सहयोग अति आवश्यक है. छोटे बैलों पर प्रदेश से बाहर ले जाने पर रोक लगी होने से हो रही है. परेशानी को देखते हुए सरकार रोक हटाने के लिए प्रयासरत है और प्रक्रिया जारी है. मेले में अवैध शराब की बिक्री और जुआ सट्टा नहीं हो इसके लिए पुलिस को निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रहेगी.


उपनिदेशक पशुपालन विभाग डॉक्टर गोविन्द राम चौधरी ने बताया कि 1998 से 3 साल से कम आयु बैलों को राज्य से बाहर ले जाने पर रोक लगी हुई है, जिसके चलते पशुपालकों और व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. विभाग भी नियमों से बंधा हुआ है. मेले से पशु परिवहन के लिए आ रही परेशानी के समाधान के लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा. पशु परिवहन के लिए नियम बने हुए हैं जिसके चलते भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है फिर भी प्रयास रहेगा कि पशु पालकों और व्यापारियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए पशुपालन विभाग प्रयासरत है. मेला के दौरान पशुपालकों को प्रतियोगिता में विजेता पशुपालकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि की बढ़ोतरी के लिए सरकार को लिखा हुआ है. सरकार से मंजूरी मिलने पर ही राशि बताई जा सकती है. उन्होंने मेले की व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी.


पालिकाध्यक्ष ओम प्रकाश सेन ने बताया कि वीर तेजाजी पशु मेला परबतसर का आयोजन पालिका क्षेत्र को भी प्रभावित करता है. मेला के दौरान आने वाले पशुओं को प्रतिवर्ष करीब सेकड़ो से अधिक संख्या में छोड़ कर चले जाते हैं, जिससे उक्त आवारा पशु परबतसर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में विचरण करते रहते हैं, जिससे शहर वासियों और किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पालिका द्वारा उक्त आवारा पशुओं को अन्यत्र छुड़वाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसमें काफी राशि भी खर्च होती है. इसलिए पशुपालन विभाग और प्रशासन मेला में आने वाली पशुपालकों पाबंद करें कि अपने पशु परबतसर में छोडक़र नहीं जाएंगे. पशु लेकर आने वाले पशुपालकों की सफेद चिठी पर उनके मोबाइल नंबर लिखे जाए और जाते वक्त जानकारी करें की वह उसे छोडक़र जा रहे हैं या बेचकर जा रहा है.


इस दौरान उपखंड अधिकारी शिवपाल जाट, सीआई सुभाष पुनिया, डॉक्टर लोकेन्द्र कुमार त्यागी, बीसीएमएचओ डॉक्टर डीपी जोशी, सहायक अभियंता विद्युत विभाग, सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग आर सी भट्ट, पशुपालन विभाग से मांगू पुरी गोस्वामी, सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.


यह है मेले का प्रस्तावित कार्यक्रम
वीर तेजाजी पशु मेला परबतसर के आयोजन का कार्यक्रम यह निर्धारित किया गया है कि 7 अगस्त को चौकियों की स्थापना होगी, 11 अगस्त को झंडारोहण होगा, 11 अगस्त से ही सफेद चिठी कटना शुरू हो जाएगी, 11 से 14 अगस्त तक प्रदर्शनियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. 12 से 13 अगस्त तक पशु प्रतियोगिताएं आयोजित होगी, 14 अगस्त को पारितोषिक वितरण होगा, 15 अगस्त से रवाना शुरू हो जाएगा, जबकि मेले के लिए दुकानों की निलामी 1 से 2 अगस्त तक होगी और अन्य ठेके 31 जुलाई को होंगे.


Reporter: Damodar Inaniya