नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन ने मनाया गौरव दिवस, ये लोग रहे मौजूद
भारतीय सैनिकों को सैन्य सप्लाई, रसद सामग्री आदि पहुंचाने के सड़क व रेल लाईन युद्ध में हो चुके थे तब लगभग कि.मी. लम्बे रेलवे ट्रैक को ठीक करने के लिए हमारी रेलवे के ट्रैकमैन्टेनर और अन्य रेलकर्मी जुटे रेल लाइन दुरस्त की.
Marwar Junction: नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के आव्हान पर सितंबर 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान 17 रेल कर्मचारियों की शहादत को याद करते हुए उनके सम्मान में सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रत्येक शाखा और कारखानों पर गौरव दिवस मनाया गया. यूनियन के शाखा सचिव नवल हल्दनिया ने बताया कि 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना हर मार्च पर पाकिस्तानी सेना को मात दे रही थी. बाड़मेर जिले का जो पूर्व में पाकिस्तान का हिस्सा हुआ करता था भारतीय सेना ने रणनीति और युद्ध कौशल के दम पर गहरा रोड जीव लिया और यहां सैकड़ों की संख्या में भारतीय सैनिकों ने तिरंगा झंडा फहरा कर गढ़ रोड पर अपना कब्जा जमा लिया.
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यहां भारतीय सैनिकों को सैन्य सप्लाई, रसद सामग्री आदि पहुंचाने के सड़क व रेल लाईन युद्ध में हो चुके थे तब लगभग कि.मी. लम्बे रेलवे ट्रैक को ठीक करने के लिए हमारी रेलवे के ट्रैकमैन्टेनर और अन्य रेलकर्मी जुटे रेल लाइन दुरस्त की. इस दौरान पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी बारी जारी थी ऐसी स्थिति में भी हमारे रेल कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाते हुए सितंबर 1965 को सैन्य सामग्री और रसद से भरकर ट्रेन रवाना की गडरा रोड पहुंचने पर पाकिस्तान के हमले में भारतीय रेल के रनिंग, इंजीनियरिंग, यातायात स्टॉफ के 17 कर्मचारी शहीद हो गये और इतिहास के पनी पर भारतीय रेल के कार्मिकों की कर्मठता, राष्ट्रप्रेम और वीरता का अनूठा अध्याय लिख गए, तब से लगातार नोदन रेलवे मैन्स यूनियन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज युनियन जोधपुर मंडल सितंबर को रोड पर शहीदों की याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इस वर्ष 2022 से नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलॉईज यूनियन में जोनल स्तर पर इस दिन को गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.
इसी कड़ी में यूनियन द्वारा मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर कार्यक्रम आयोजित किया. जहां शहीद हुए सभी 17 रेल कर्मचारियों को श्रद्धांजली दी उनके सम्मान में देशभक्ति गीत गाए, उनकी वीरता और शाहदत को गौरव गाथा से सभी को अवगत कराया. इस अवसर पर सैकड़ों रेल कर्मचारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में आम आदमी ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवमय बनाया. कार्यक्रम का संचालन करते हुए शाखा अध्यक्ष कुमावत ने कहा कि देश में युद्ध का समय हो प्राकृतिक आपदा हो या कोविड जैसी महामारी हो, भारतीय रेल के कर्मचारी ने सदैव अपनी जान की परवाह किए बगैर एक अनुशासित कर्मठ फौजी की भूमिका अपनाते हुये कार्य किया है, अपनी शहादत दी है. यह प्रत्येक रेल कर्मचारी के लिये गौरव की बात है. कार्यक्रम में अदन, कटारिया, गोपाल, गोविंद और आजीवन युनियन के संरक्षक और समस्त विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया. अन्त में नवल हल्दनिया ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए इस प्रकार की शाहदत पर भारत सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत सरकार को रेलवे नीजिकरण का ख्यान छोड़ देना चाहिए और सभी रेल कर्मचारियो को भी फौज की भांति की पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए.
Reporter: Subhash Rohiswal