Pali: 2 डॉक्टरों के भरोसे चल रहा 500 की ओपीडी वाला मारवाड़ जंक्शन का सरकारी अस्पताल
Pali, Marwar Junction: जिले के सबसे बड़े उपखंड मारवाड़ जंक्शन उपखंड का राजकीय अस्पताल इस समय प्रशासन की उपेक्षा का शिकार बना हुआ. एक ओर राज्य सरकार समुचित व्यवस्थाओं का दावा कर रही. तो दूसरी और उपखंड का सबसे बड़ा अस्पताल में मात्र 2 चिकित्सक लगे हैं.
Pali, Marwar Junction: जिले के सबसे बड़े उपखंड मारवाड़ जंक्शन उपखंड का राजकीय अस्पताल इस समय प्रशासन की उपेक्षा का शिकार बना हुआ. एक ओर राज्य सरकार समुचित व्यवस्थाओं का दावा कर रही. तो दूसरी और उपखंड का सबसे बड़ा अस्पताल में मात्र 2 चिकित्सक लगे हैं. 2 चिकित्सकों के भरोसे अस्पताल चल रहा है. बताया जा रहा है कि ओपीडी में रोजाना 500 से अधिक मरीज आते हैं. मौसमी बीमारियों के चलते आसपास के हजारों गावों के ग्रामीणों को उपचार के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि अस्पताल में कनिष्ठ विशेषज्ञ कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी ,शिशु रोग दंत चिकित्सक, महिला चिकित्सक नर्सिंग ऑफिसर सहित 8 पद रिक्त हैं.
इसी अस्पताल में ब्लॉक कार्यालय स्थित है एक और स्थानीय विधायक द्वारा इस अस्पताल को उप जिला अस्पताल बनाने की मांग की जा रही है, तो वहीं वर्तमान समय में इस अस्पताल में मात्र 2 चिकित्सक लगे हुए हैं.
हाल ही में सरकार द्वारा यहां ट्रॉमा वार्ड की व्यवस्था सुरु की लेकिन हालात इतने बदतर होते जा रहे कि मात्र 2 चिकित्सकों के भरोसे यह अस्पताल चल रहा है. अस्पताल में एक चिकित्सक को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का चार्ज दे रखा है इस कारण अक्सर वे ब्लॉक के कार्यों में व्यस्त रहते हैं और मात्र एक चिकित्सक ही उपचार में लगे रहते हैं
आए दिन लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या के मद्देनजर चिकित्सक नहीं होने से मरीजों को भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही और महिलाओं एवं मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लाइनों लगी रहती है. ऐसे में कोई इमरजेंसी या कोई प्रशव का केस आ जाता है तो चिकित्सकों को मरीजों को छोड़कर उन कार्यों में लगना पड़ता है जिससे कि पीछे मरीजों को भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही है.
उपखण्ड मुख्यालय का अस्पताल होने की वजह से आसपास के 48 ग्राम पंचायतों के सैकड़ों लोग रोजाना इस अस्पताल में पहुंचते हैं लेकिन चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही है. बार-बार स्थानीय सामाजिक संगठनों द्वारा चिकित्सकों की नियुक्ति करने की मांग उठी लेकिन मात्र मांग बनकर रह गई है. स्थानीय साई सेवा संस्थान सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने बार-बार ज्ञापन दिए, कुछ नहीं हो पाया.
एक और राज्य सरकार 25 लाख का मुफ्त इलाज की घोषणा कर वाहवाही लूट रही तो दूसरी और जिले के सबसे बड़े उपखंड का अस्पताल प्रशासन की उपेक्षा का शिकार बनता जा रहा है, मारवाड़ विधायक खुसवीर सिंह द्वारा अपने ग्रह नगर जोजावर में जहां 8 से अधिक चिकित्सको की नियुक्ति करा दी गई वही उपखंड मुख्यालय के अस्पताल मात्र 2 चिकित्सकों के भरोसे चल रहा. विधायक खुशवीर सिंह का अपने गृह स्थल पर 8 चिकित्सको की नियुक्ति ओर विभानसभा के उपखण्ड पर एक डॉक्टर की नियुक्ति नही कराना भी चर्चा का विषय है. विधायक के दोगले व्यवहार से लोगो मे रोष भी है.
हर बार प्रशासन से मात्र आश्वासन मिले लेकिन चिकित्सकों की नियुक्ति यहां नहीं हो पाई. मौसमी बीमारियों के चलते आज यहां मरीजों को भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही साथ ही महिला चिकित्सक नहीं होने की वजह से महिलाओं को भारी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं.
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