Rajasthan News: पाली जिला मुख्यालय पर 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा करोड़ो रूपये की लागत में पोने तीन सौ बीघा जमीन पर राजीव विहार, न्यू पाली कॉलोनी की सौगात दी थी. न्यू पाली राजीव विहार कॉलोनी में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत यहां करोड़ों रुपए खर्च किए गए. मुख्य प्रवेश द्वार बने. सीसी सड़के, बिजली लाइन, सिवरेज लाइन बिछाई गई, चौड़ी-चौड़ी सड़क बिछाई गई और अति आधुनिक सारी सुविधाओं से इस कॉलोनी को सज्जित किया गया था, परंतु स्थानीय नगर परिषद की अनदेखी और लापरवाही की वजह से अब यह खंडहर बन कर जंगल में तब्दील हो गई है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कई बार शिकायतों के बाद भी आंखें मूंदे हुए हैं जिम्मेदार
जानकारी के अनुसार, कई बार स्थानीय पार्षद एवं वार्ड वासियों द्वारा जिला प्रशासन एवं नगर परिषद को अवगत कराया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया. आज हालात इतने बदतर हो चुके की करोड़ो रुपए की लागत से बना यह कॉलोनी पूरी तरह से खण्डर अवस्था में पहुंच चुकी है. साथ ही यहां लगे अनेक सामग्री एवं फर्नीचरों को अज्ञात चोर चुरा कर ले गए. बार-बार पार्षद द्वारा नगर परिषद को अवगत कराया गया, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली. सरकारे बदली पर इस कॉलोनी की तकदीर और तस्वीर में कोई बदलाव नहीं हुआ. 


प्रशासन की अनदेखी की भेट चढ़ी कॉलोनी 
2013 में नगर परिषद सभापति केवल चंद गुल्लेचा के कार्यकाल में इस न्यू पाली राजीव विहार कॉलोनी का शिलान्यास राजस्थान सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पाली सांसद बद्रीराम जाखड़ एवं अनेक कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में हुआ था. करोड़ों रुपए की लागत के बावजूद भी इस कॉलोनी की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया. वर्तमान समय में यह पूरी तरह जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी है. बबुल की अनगिनत झाड़ियों के बीच यह सुंदर एवं करोड़ों रुपए की लागत से बनी कॉलोनी प्रशासन की अनदेखी की भेट चढ़ कर शराबियो का अड्डा बन कर रह गई है. 


ये भी पढ़ें- Churu News: एसपी जय यादव ने सुनी आमजन की फरियाद, दिया शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन