Pali News: पाली शहर ने पिछले पचास साल से अधिक समय तक प्रदूषण का सामना किया है. विभिन्न सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी भी सरकार ने बांडी नदी में उद्यमियों के जरिए प्रदूषित पानी को छोड़ने पर रोक नहीं लगाई है. इसके बावजूद, मामला एनजीटी कोर्ट में पहुंचा, जहां  कोर्ट ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि नदी में एक भी बूंद चाहे ट्रीट हो या अनट्रीट नदी में नही जाना चाहिए.


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इसी को लेकर जिला प्रशासन ने सीईटीपी को मॉनिटरिंग कि जिम्मेदारी दी. जब रात को कर्मचारी निगरानी में गए और एक फैक्ट्री ने नदी में पानी छोड़ा, तो उन्हें रोकने की कोशिश की गई, लेकिन फैक्ट्री के मजदूरों ने जानलेवा हमला किया और उनका मोबाइल और नगदी छीन ली. पीड़ित युवक विनोद शर्मा अब बांगड़ अस्पताल में अपाहिज इलाजरत हैं, लेकिन अब तक पुलिस में मामला दर्ज नहीं हुआ है.


पाली के उद्यमी प्रदूषण समाप्त करना चाहते नहीं हैं, और राजनेताओं के लिए भी पाली इंडस्ट्रीज एक बड़ा स्रोत है. इसलिए, आरोपी फैक्ट्री मालिक पूर्व विधायक ज्ञानचंद परख के घर छुप गया है, और विधायक ने उसे बाहर नहीं निकाला है.


प्रदूषित पानी को ट्रीट करने के लिए जेडएलडी प्लांट लगाने की कोशिश हुई, लेकिन वह भी राजनेतिक शिकार हो गई है. प्रदूषित पानी आज भी उद्यमी चोरी छिपे नदी में छोड़ रहे हैं और इसका नुकसान किसानों को हो रहा है.


इस पूरे मामले के बावजूद, कोई कार्रवाही नहीं हो रही है. यह सवाल उठता है कि क्या पाली को प्रदूषण से निजात मिलेगी या नहीं. सीईटीपी में काम करने वाले कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं हैं.


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