Pali News: आज हम आपको एक ऐसे आईएएस की घर की कहानी लेकर आए हैं, जिसने छोटी सी उम्र में अपने पिता को खो दिया था. इसके बाद उनकी मां ने हिम्मत ना हारते हुए खेतीबाड़ी करके अपने बेटे को पढ़ाया और एक IAS अधिकारी बनाया. 


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ये कहानी राजस्थान के पाली के आगेवा गांव के रहने वाले सुनील सीरवी और उनकी मां कमला सीरवी के संघर्ष की कहानी है. कमला सीरवी ने अपने पति को साल 2010 में एक सड़का हादसे में खो दिया था, जिसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और खूब मेहनत कर अपने बेटे सुनील को पढ़ाया-लिखाया. उस वक्त उनका बेटा सुनील सीरवी 11 कक्षा में पढ़ता था. 


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UPSC किया पास, मिली 246वीं रैंक
इसके बाद सुनील सीरवी ने घर पर रहकर प्राइवेट घर से अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी और बाद में आईएएस बनने के लिए तैयारी शुरू की. यूपीएएसी की तैयारी के लिए सुनील ने किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने खुद की मेहनत और लगन से साल 2019 में 
दूसरी बार में  यूपीएससी परीक्षा पास की और 463वीं रैंक हासिल की. इसके बाद उन्होंने सुधार के लिए साल 2020 में तीसरी बार एग्जाम दिया, जिसमें सुनील को 246वीं रैंक मिली. 


बेटे ने किया मां का सपना पूरा 
बता दें कि फिलहाल में ही सुनील सीरवी को गुजरात कैडर मिला, जहां वह भूज के कलेक्टर पद पर तैनात हैं. वहीं, उनकी बहन रेखा सीरवी ने मैसूर में रहकर कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियर की पढ़ाई पूरी की. वर्तमान में वह कम्पीटिशन एग्जाम की पढ़ाई कर रही हैं, जिससे वह अपने मां के सपने को पूरा कर सकें. 


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बच्चों के लिए मां करती रही संघर्ष 
सुनील सीरावी के पिता की मौत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उनकी मां पर आ गई. उनकी मां ने इसके बाद हार नहीं मानी और खेती कर अपने घर का पालन-पोषण किया और अपने बच्चों को पढ़ाया. वहीं, सुनील भी अपनी मां का काम में हाथ बटाता था. साल 2017 में जब कमलादेवी के ससुर की मौत हो गई, तो वह बुरी तरह टूट गईं. फिर भी उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाई और एक अधिकारी बनाया.