जानिए भारत के सबसे पुराने किलों के महत्व के बारे में, जानकर आप हैरान रह जाएंगे
भारत अपनी संस्कृति और हेरिटेज के लिए जाना जाता है, भारत में कई किले हैं और हर किले का अपना महत्व है, चित्तौड़गढ़ से लेकर कांगड़ा किले तक, भारत में कई अद्भुत पुराने किले हैं, आज हम आपको सबसे पुराने किलों से परिचित कराएंगे भारत की किलों के बारे में जानकर आप खुद को इसे एक बार देख
ग्वालियर किला
यह 8वीं शताब्दी में बना हुआ किला है, यह खूबसूरत नक्काशी और लाल बलुआ पत्थर से बना है, यह किला देश के सबसे बड़े किलों में से एक है और भारतीय इतिहास में इसका अपना स्थान है और मध्यप्रदेश में स्थित है,
कांगड़ा किला
यह चौथी शताब्दी में बना एक प्राचीन किला है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है, इस किले के बारे में आपको सिकंदर महान के युद्ध रेकॉर्ड्स में जानकारी मिल सकती है.
जयगढ़ किला
राजस्थान में स्थित इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी दो पहिया तोप है, इस किले का निर्माण सवाई जय सिंह द्वितीय ने अपने राज्य की सुरक्षा और विस्तार के लिए करवाया था और इसे 'एशिया की सबसे बड़ी तोप' के नाम से भी जाना जाता है.
चित्तौड़गढ़ किला
चित्तौड़गढ़ किला न केवल राजस्थान का गौरव माना जाता है, बल्कि यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है, जिसे 7वीं शताब्दी में मौर्य शासकों ने बनवाया था और यह राजस्थान में स्थित है.
कुम्भलगढ़ किला
कुम्भलगढ़ किला पश्चिमी अरावली पहाड़ियों पर स्थित है, इस किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है और इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुम्भा ने करवाया था.
आमेर किला
आमेर किला भारत के राजस्थान के आमेर में स्थित है यह एक ऐतिहासिक किला है, जिसका निर्माण 1592 में राजा मान सिंह प्रथम ने करवाया था, यह किला राजस्थान में स्थित है.
लाल किला
राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय और मुगल शैली से बनी इस भव्य ऐतिहासिक किला का निर्माण साथ ही इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था जिसे मुगल शासक शाहजहां ने बनवाया था.
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