Rajasthan Politics : राजस्थान बीजेपी इन दिनों बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है. सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. उससे पहले गुलाबचंद कटारिया को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाकर असम का राज्यपाल बनाया गया था. ऐसे में अब बड़े बदलाव होने तय है. फिलहाल पद संभालने के बाद चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी दिल्ली लौट गए है. वहां अब जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह और पीएम मोदी से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर काम करेंगे.


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7 मोर्चों में बदलाव !


राजस्थान बीजेपी के 7 प्रमुख मोर्चे है. सीपी जोशी को ब्राह्मण कोटे से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. ऐसे में बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष हिमांशु शर्मा की छुट्टी होना करीब करीब तय माना जा रहा है. उनकी जगह पर किसी जाट या किसी गुर्जर को युवा मोर्चा की कमान दी जा सकती है. इसके अलावा महिला मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा और किसान मोर्चे में भी बदलाव हो सकता है. ज्यादातर मोर्चों के अध्यक्षों का कार्यकाल 3 साल का पूरा हो रहा है.


सीपी जोशी को संगठन की जानकारी


राजस्थान बीजेपी में जब सतीश पूनिया अध्यक्ष थे तब सीपी जोशी उपाध्यक्ष थे. ऐसे में उनको नेताओं और सक्रीय कार्यकर्ताओं की सब जानकारी है. कौन व्यक्ति कितना एक्टिव है. उसकी ग्राउंड पर कितनी पकड़ है. कोई नेता संगठन के प्रति कितना समर्पित रहता है. किस व्यक्ति को जिम्मेदारी देने से राज्य के जातीय समीकरणों पर क्या असर पड़ेगा. ये सब पता है. ऐसे में उपाध्यक्ष से अध्यक्ष बने सीपी जोशी जल्द ही कुछ चेहरों को बड़ी जिम्मेदारियां भी दे सकते है. 


राजस्थान बीजेपी की नई कार्यकारिणी


सीपी जोशी जल्द ही राजस्थान बीजेपी की नई कार्यकारिणी बनाएंगे. अब से 8 महीने बाद प्रदेश में चुनाव है. ऐसे में कार्यकारिणी में वसुंधरा राजे गुट के लोगों को भी शामिल कर पार्टी को एकजुट करना बड़ी चुनौति होगी. इसके अलावा गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुनराम मेघवाल जैसे केंद्रीय नेताओं का भी राय और मान रखना होगा. पूर्वी राजस्थान में पार्टी को मजबूत करने के लिए किरोड़ीलाल मीणा और जसकौर मीणा जैसे विरोधी ध्रुवों पर खड़े नेताओं को साथ रखना भी बड़ी चुनौती होगी.


जयपुर से दिल्ली रवाना हुए


सीपी जोशी ने सोमवार को जयपुर में पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला. पद संभालने के दिन ही शाम को वो दिल्ली लौट गए. अपने भाषण में भी CP Joshi ने कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि चुनावों तक अगले 6 महीने में न तो खुद सोना है और न ही किसी और को सोने देना है. अब वो दिल्ली में है. अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी और अमित शाह के अलावा जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे. इसके अलावा प्रभारी अरूण सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष से राय मशवरा कर अगले 3-4 दिन में ही संगठन बदलाव पर बड़े फैसले ले सकते है.