Ashok Gehlot On Kanhaiyalal Murder Case : राजस्थान में विधानसभा चुनाव पास है. ऐसे में पिछले साल उदयपुर में 28 जून 2022 को हुए कन्हैय्यालाल हत्या कांड पर राजनीति तेज हो गयी है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि क्या कहा था ''गहलोत मुझे कहते हैं क्या किया कन्हैयालाल हत्याकांड में, लेकिन आपको पहले शर्म आनी चाहिए. कन्हैयालाल को सुरक्षा किसने नहीं दी गयी, अरे वह तो गिरफ्तार भी नहीं करना चाह रहे थे, NIA ने पकड़ा.


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मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अमित शाह के बयान पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी . मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्विटर पर दिए गए जवाब में लिखा कि कन्हैया के हत्यारों को राजस्थान पुलिस ने पकड़ा था ना कि NIA की टीम ने.


उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री के दिए बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए लिखा कि यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति नहीं करेंगे। अमित शाह ने उदयपुर में राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया कि उसने कन्हैया के हत्यारों के लिए स्पेशल कोर्ट में सुनवाई नहीं करवाई। बल्कि गहलोत सरकार को कन्हैया के हत्यारों को पकड़ना ही नहीं चाहती। उन्हें तो NIA ने पकड़ा।


गहलोत ने कहा कि कन्हैयालाल के हत्यारे रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को राजस्थान पुलिस ने 4 घंटे के अंदर पकड़ लिया था। घटना 28 जून की थी, जबकि NIA को इस मामले की जांच 2 जुलाई को सौंपी गई थी। गहलोत ने ट्वीट कर NIA को जांच सौंपने का ऑर्डर भी सार्वजनिक किया।


मुख्यमंत्री का ट्वीट
ये उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर तो राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन उदयपुर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो भी कहां हैं वो एक गैर जिम्मेदाराना कार्य है. अमित शाह ने उदयपुर में झूठ बोला कि कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को NIA ने पकड़ा है, जबकि सत्य ये है कि इन्हें घटना के महज 4 घंटों में राजस्थान पुलिस ने ही पकड़ लिया था.


ये दुखद घटना 28 जून 2022 को हुई थी जबकि NIA को इस केस की फाइल 2 जुलाई 2022 को ट्रांसफर की गयी थी. अमित शाह की जानकारी में होगा कि ये दोनों हत्यारे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे.  उन्हें ये जांच करवानी चाहिए कि इन दोनों के मददगार कौन कौन भाजपा नेता थे जो इनके लिए पुलिस थानों में फोन करते थे. एक ओपन एंड शट केस में चार्जशीट फाइल होने में भी इतना ज्यादा समय क्यों लगा और इन्हें अब तक सजा क्यों नहीं हुई है ?


क्या है कन्हैया लाल हत्याकांड 2022
राजस्थान के उदयपुर के धानमंडी थाना इलाके में 28 जून की दोपहर को दो युवकों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर कन्हैयालाल की धारदार हथियार से हमला कर लाइव हत्या कर दी थी. आरोपी कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान पर आ गये थे. इसके बाद दोनों आरोपियों ने हत्या का वीडियो शेयर कर कहा कि उन्होंने इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए कन्हैयालाल को मारा है.


कन्हैयालाल हत्याकांड जिससे दहल गया था देश
मालदास स्ट्रीट बाजार की भूतमहल गली में सुप्रीम टेलर्स दुकाना कन्हैयालाल साहू की दुकान थी. उन्ही दिनों बीजेपी नेता नुपुर शर्मा के बयान को लेकर बवंडर मचा था. जिसका कन्हैयालाल ने समर्थन किया था. सोशल मीडिया पर किया गया ये समर्थन  मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद को नागवार गुजरा और 28 जून, 2022 को दिनदहाड़े दोनों ने कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या की, वारदात का लाइव वीडियो बनाया और फिर सोशल मीडिया पर इसे वायरल किया. जांच में पता चला कि पड़ोसी दुकानदार नाजिम ने ही हत्यारों मोहम्मद गौस और रियाज अत्तारी को कन्हैयालाल की जानकारी दी थी.


कन्हैयालाल की अस्थियों का विसर्जन नहीं हुआ 
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को हुए कन्हैयालाल हत्या कांड के एक साल बाद भी पीड़ित परिवार दहशत में है. मालदास स्ट्रीट बाजार में जो कभी भरा नजर आता था. आज यहां आने से लोग कतराते हैं, जिसकी वजह से बिजनेस लगभग ठप हो गया. दुकानदारों में भी डर बना हुआ है. कन्हैयालाल के सेक्टर-14 स्थित आवास और उसके आसपास के इलाके में किसी अजनबी को देख कर लोग आज भी चौकन्ने हो जाते हैं. उनके दोनों बेटों के साथ पत्नी भी डरी-डरी ही रहती है. परिवार के बड़े बेटे का कहना है कि पिताजी की अस्थियां भी विसर्जित नहीं करेगा, जब तक न्याय नहीं मिल जाता.  कन्हैया के दोनों बेटों को राज्य सरकार ने नौकरी दे दी, लेकिन उन्हें छोड़ने और लाने के लिए हमेशा दो गनमैन उनके साथ होते हैं.