कांग्रेस विधायक की आलाकमान को बड़ी नसीहत, जल्द सुलझाए गहलोत-पायलट का विवाद
राजस्थान में अब चुनावों की सियासी बिसात बिछती हुई नजर आ रही है. टोंक जिले मे भी अब नेताओं ने अपनी सियासी जमीन तलाशना शुरु कर दी है. तो कई नेताओं ने अपनी सियासी जमीन पर पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए कमशकश शुरू कर दी है.
Rajasthan Politics : राजस्थान में अब चुनावों की सियासी बिसात बिछती हुई नजर आ रही है. टोंक जिले मे भी अब नेताओं ने अपनी सियासी जमीन तलाशना शुरु कर दी है. तो कई नेताओं ने अपनी सियासी जमीन पर पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए कमशकश शुरू कर दी है. भले ही कांग्रेस आलाकमान से लेकर मुख्यमंत्री तक ने अपने नेताओं को बयानबाजी से बचने के निर्देश दिए हो. लेकिन कांग्रेस के बयानवीर एक के बाद एक सामने आ रहे हैं.
आज टोंक के निवाई से विधायक प्रशांत बैरवा ने सचिन पायलट और सीएम गहलोत के विवाद पर बड़ा बयान दिया है. बैरवा ने कहा कि आलाकमा को चाहिए की दोनों ही नेताओं के बीच जल्दी ही सुलह करवाए. क्योंकि एक ओर जहां संगठन में पायलट साहब ने काम तो वहीं सरकार में मुख्यमंत्री गहलोत ने से बेहतरीन बजट पेश किया. ऐसे में अब इनके बीच सुलह होना जरूरी है. वहीं सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया के सचिन पायलट को लेकर दिए बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि पायलट साहब को सलाम देने की जरूरत नहीं है . उन्होंने बहूत कुछ दिया है. जौनापुरिया से सवाल करते हुए कहा कि आप तो यह बताइए कि आपने 9 सालों में क्षेत्र को क्या दिया.
वहीं प्रशांत बैरवा ने खुद पर लगाए आऱोपो पर कहा कि सांसद एक भी आरोप साबित कर दे तो वह इस्तीफा दे देंगे. लेकिन उनके खिलाफ तो कई आरोप पुलिस थानों में दर्ज हैं. कभी भी उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. .आपकों बता दै कि बिछे दिनौं सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से लेकर विधायक प्रशांत बैरवा पर गम्भीर आरोप लगाए थे. और कई नसीहत भी दी थी. इधर राजस्थान में सरकार द्वारा बनाए गए 19 नए जिलों के बाद अब उठ रहीं टोंक के मालपुरा को जिला बनाने की मांग के बंद अब विधायक प्रशांत बैरवा ने टोंक जिले को जयपुर संभाग में शामिल करने को लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है.
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