Kailash Meghwal Vasundhara Raje: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही प्रदेश बीजेपी में कलह सामने आने लगी है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे खेमे के नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के तेवर बरकरार है. पार्टी की अनुशासन समिति के नोटिस का मेघवाल ने करीब 40 पेज का जवाब तैयार किया है. पार्टी के अनुसार नोटिस का जवाब देने की मियाद पूरी हो गई है, वहीं मेघवाल का कहना है कि तकनीकी रूप से 13 सितम्बर तक जवाब देने का समय है. इधर मेघवाल ने कहा कि जो भी जवाब देंगे वो मीडिया के सामने देंगे.


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राजस्थान में प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच शह और मात का खेल शुरू होगा. कांग्रेस बीजेपी दोनों ही दलों को पार्टी नेताओं के बगावती तेवरों का सामना करना पड़ेगा. बगावती तेवर दिखाई देंगे. लेकिन बीजेपी में चुनावी टिकट वितरण से पहले ही शुरू हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के बगावती तेवर अब तक ठंडे नहीं पड़े हैं. दरअसल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सार्वजनिक रूप से केंद्रीय विधि अर्जुनराम मेघवाल को महाभ्रष्ट बताते हुए आरोप लगाए थे. इसके बाद अर्जुन मेघवाल की शिकायत पर बीजेपी की अनुशासन समिति ने कैलाश मेघवाल को नोटिस जारी किया था.


नोटिस की अवधि पूरी, या बाकी ‌?


नोटिस की अवधि को लेकर ही मेघवाल और समिति के बीच तारीख का पेच फंसा हुआ है. पार्टी की अनुशासन समिति ने 29 अगस्त को नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब मांगा था. इस हिसाब से कैलाश मेघवाल के जवाब देने की अंतिम तारीख 7 सितम्बर होती है जो खत्म हो गई. हालांकि कल रात तक मेघवाल ने नोटिस का जवाब नहीं दिया. दूसरी ओर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि उन्हें 4 सितम्बर को नोटिस मिला. इस हिसाब से उनके जवाब देने की तारीख 13 सितम्बर हाेती है. दूसरी ओर भाजपा की अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने का कहना है कि मेघवाल को उनका पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया गया है . हमने 29 सितंबर को नोटिस देकर 10 दिन में जवाब देने को कहा है , अभी तक उनका जवाब नहीं आय है. नोटिस डाक के जरिये भेजा गया था , हो सकता मिलने में दो तीन दिन लग गए हों. अभी एक बार तीन चार दिन उनके जवाब का इंतजार करेंगे , उसके बाद जो भी नियम है उसके लिहाज से करवाई होगी.


मेघवाल के बगावती तेवर बरकरार


सूत्रों का कहना है कि कैलाश मेघवाल नोटिस का 40 पेज का जवाब तैयार कर रहे हैं. इसमें पहले की तमाम बातों के साथ ही कई प्रकरणों का हवाला तथा आरोपों की भी जानकारी दी गई है. इधर नोटिस के जवाब को लेकर कैलाश मेघवाल से कहा कि मैं 13 सितंबर से पहले अपने नोटिस का जवाब दे दूंगा. इतना ही नहीं मेघवाल ने अपने तीखे तेवर को कायम रखते हुए कहा कि मैं अपने बयान पर अडिग हूं जो भी आरोप मैंने लगाए वह सही है और नोटिस का जो जवाब दूंगा वह भी मीडिया के सामने ही दूंगा. मेघवाल इस मामले में जल्द ही प्रेस कांफ्रेंस कर जवाब देने की बात भी कह रहे हैं.


कार्रवाई पर पेंच


हालांकि समित के अध्यक्ष लखावत ने कहा कि मेघवाल का जो भी जवाब आएगा , उसे प्रदेशाध्यक्ष सी. पी. जोशी को सौंपा जाएगा. अध्यक्ष और पार्टी के स्तर पर नोटिस का अध्ययन होगा , अगर पार्टी उनके जवाब से संतुष्ट हुई तो ठीक है, नहीं तो फिर जो कार्रवाई ऐसे मामलों में नियमानुसार की जाती है, वो की ही जाएगी. सूत्रों का कहना है कि पार्टी के लिए मेघवाल पर कार्रवाई करना भी आसान नहीं होगा, क्योंकि मेघवाल काफी वरिष्ठ हैं. पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी कह चुके हैँ कि मेघवाल हमारे वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. कार्रवाई की बात भी टाल गए थे.


वसुंधरा के नजदीकी, चुनावी ताल भी ठोकने का दावा


पार्टी सूत्रों का कहना है कि कैलाश मेघवाल की उम्र 80 साल होने जा रही है. ऐसे में आने वाले चुनावों में पार्टी इनका टिकट काट सकती है. यही कारण कारण है कि मेघवाल ने बगावत की है. मेघवाल ने अपने इस दावे पर कायम है कि पार्टी टिकट दे या नहीं वो हर हाल में चुनाव लड़ेंगे. गौरतलब है कि कैलाश मेघवाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं . चुनावी साल में कैलाश मेघवाल की ओर अपनाये जा रहे इस तेवर के कई मायने निकाले जा रहे हैं. जिस तरह से कैलाश मेघवाल तीखा किये हुए है उससे साफ़ है कि अभी इस मामले में पार्टी की मुश्किलें कम नहीं होने वाली है.


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