Rajasthan Election BJP Congress: प्रदेश में सत्ता के महासंग्राम में कांग्रेस और बीजेपी में टिकटों को लेकर जयपुर से दिल्ली तक मंथन चल रहा है. वहीं जनता से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रत्याशियों की पहली सूची का इंतजार है. बीजेपी और कांग्रेस ने पहले जहां सितम्बर में पहली सूची जारी करने की बात कही थी, लेकिन अब दावेदारों का इंतजार बढ़ गया है. दोनों ही पार्टियों की पहली सूची अक्टूबर में आने की संभावना है. इधर चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को टिकट में हो रही देरी बेचैन कर रही है.


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प्रदेश में दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बीच जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है. दोनों ही दल किसी भी सूरत में इस जंग जीतकर सिंहासन हासिल करना चाहते हैं और इसके लिए फूंक फूंक कर कदम रख रही है. टिकट देने के लिए भी दावेदारों को परखा जा रहा है. यही कारण है कि टिकट देने में दोनों ही पार्टियों में देरी हो रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सितम्बर में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी करने की बात कही थी. वहीं खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव से दो महीने पहले टिकट तय करने की पैरवी की थी. कांग्रेस बीजेपी दोनों ही पार्टियों में टिकट को लेकर मंथन किया जा रहा है.


जानकार सूत्रों की मानें तो सत्ता के संग्राम की इस जंग में निर्णायक भूमिका टिकटों की ही होती है. टिकट यदि उचित और सही प्रत्याशी को मिल गया तो जीत तय है. वहीं यदि टिकट दबाव में गलत दावेदार को दे दिया तो हार तय है. कई बार टिकट के बंटवारे का आलम यह होता है कि टिकट बंटने के साथ ही वोट देने से पहले ही प्रत्याशी की हार-जीत तय हो जाती है. यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां टिकट फाइनल करने से पहले पूरा मंथन कर रही है. कांग्रेस बीजेपी टिकट तय करने से पहले कई बार सर्वे करवा रही है. पार्टी स्तर के साथ ही एजेंसियों से भी सर्वे करवाए गए हैं. इसके बाद भी टिकट फाइनल करने में जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं.


जानकारी के अनुसार कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही प्रत्याशियों की सूची में देरी होने का एक कारण यह है भी है कि दावेदारों की संख्या ज्यादा है. राजनीतिक महत्वकांक्षा के चलते कांग्रेस और बीजेपी में कई सीटों पर तो तीस से पैंतीस तक दावेदार हैं. इनमें कई दावेदारों की क्षेत्र में बराबर की पकड़ है, वहीं जातीय गणना के हिसाब से बराबर का दमखम है, ऐसे में उनमें उपयुक्त नाम छांटना टेढ़ी खिर साबित हो रहा है. यदि एक को टिकट देते हैं तो दूसरे की बगावत का खतरा हो सकता है. यही कारण है कि नेता बार बार कह रहे हैं कि टिकट किसी एक को ही मिलेगा दूसरे सब उसके साथ लगकर चुनाव जीताने में जुटेंगे.


कांग्रेस में बढ़ा टिकट का इंतजार


- कांग्रेस संगठन महाचिव केसी वेणगोपाल ने कही थी सितम्बर में लिस्ट की बात


- सीएम अशोक गहलोत ने भी चुनाव से दो महीने पहले टिकट तय करने की थी पैरवी
- चुनाव जीतना है तो केवल जीतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट देना चाहिए


- दिल्ली में लम्बी बैठकों का सिस्टम बंद करने तथा टिकट के दावेदार को इशारा करने की कही थी बात
- हालांकि कांग्रेस में टिकट को लेकर जयपुर से दिल्ली तक हो चुकी है कई बैठकें


- दावेदार स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, सीएम को दे चुके हैं बायोडाटा
- कई दावेदार तो टिकट की उम्मीद में दिल्ली तक लगा चुके हैं चक्कर


भाजपा में भी टिकट अक्टूबर में !


- बीजेपी में एमपी और छत्तीसगढ़ में प्रत्याशियों की पहली सूची आ चुकी, राजस्थान में इंतजार


- बीजेपी में टिकटों को लेकर जयपुर से दिल्ली तक हो चुका मंथन
- बीजेपी के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, चुनाव प्रभारी कहते हैं जल्द जारी होगी सूची, तारीख का खुलासा नहीं


- प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कहा जल्द जारी होगी सूची, कांग्रेस से पहले सूची जारी करने का दावा
- प्रदेश में परिवर्तन यात्रा और 25 को पीएम मोदी की सभा के कारण टल रही सूची


- दावेदारों ने सभी नेताओं को सौंपा बोयाडाटा, नेताओं के दर पर लगा रही हाजिरी
- प्रदेश में सीटों को लेकर किया जा चुका है पूरा मंथन, नामों पर विचार बाकी


- संभवतया पहली सूची अक्टूबर में जारी होगी


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