PM मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास का इंजन लगातार आगे बढ़ रहा- गजेंद्र सिंह शेखावत
9 Years of Modi Govt: मोदी सरकार के 9 साल का कार्यकाल कैसा रहा. आर्थिक मोर्चे से लेकर गरीब और किसान कल्याण में कैसे काम हुए. इस पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का लेख
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की कलम से: प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने 9 वर्षों में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वो अपूर्व और ऐतिहासिक हैं. इन वर्षों में सरकार ने सुशासन और गरीब कल्याण से लेकर अर्थव्यवस्था तक विकास का एक ऐसा सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी मॉडल दिया है, जिससे हर स्तर पर जीवन में खुशहाली दिख रही है. कोविड की वैश्विक मार के बीच हमने इस महामारी की चुनौती का मुस्तैदी से मुकाबला किया. हमारी सरकार ने न केवल टीकाकरण का रिकॉर्ड कायम किया, बल्कि इस मुश्किल समय में 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मदद भी पहुंचाई. इसी प्रकार, करोड़ों की संख्या में जनधन खाते खोलना, ग्रामीण भारत के करीब 12 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण सुनिश्चित करना, तीन करोड़ पक्के घरों का निर्माण, 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध जल की आपूर्ति आदि सरकार की उपलब्धियां, इस हकीकत की तस्दीक करती हैं कि बीते नौ वर्षों में देश के आम लोगों के जीवन में समृद्धि आई है, उनके अच्छे दिन आए हैं.
आज विनिर्माण गतिविधियों, कृषि, खनन और निर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन तथा निजी निवेश के दम पर देश की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर रफ्तार से आगे बढ़ी है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी है. ऐसा तब हुआ, जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की आहट और विकास दर घटने का अनुमान लगा रही है. साफ है कि मजबूत और प्रभावी नीतियां आर्थिक मोर्चे पर भारत की तस्वीर बदल रही हैं.
मोर्गन स्टेनले की हालिया रिपोर्ट में भी इस बात की चर्चा की गई है कि एक तरफ जहां पूरा विश्व मंदी से बचने के समाधान तलाशने में लगा है, वहीं दूसरी तरफ भारत के आर्थिक विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि आर्थिक मोर्चे पर पिछले 10 वर्षों में व्यापक बदलाव हुए हैं, जिसका नतीजा है कि आगामी आठ वर्षों में वैश्विक बाजार में भारतीय निर्यात की हिस्सेदारी दोगुनी होकर 4.5 प्रतिशत हो जाएगी. वर्ष 2032 तक प्रति व्यक्ति आय मौजूदा 2,200 डॉलर से बढ़कर 5,200 डॉलर हो जाएगी.
‘मेक इन इंडिया’ के तहत आज रक्षा उत्पाद जैसे क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है. इसी तरह सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन से भारत ‘ग्लोबल स्टार्टअप हब’ बनकर उभरा है. भारत इस समय सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर दुनिया की 5वीं तो क्रय शक्ति समानता के संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जल्द ही हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यावस्थाओं में होंगे.
वर्ष 2014 से पहले तक जिस देश की सरकार पॉलिसी पैरालाइसिस के संकट से जूझ रही थी, आज वह दुनिया की नजर में में एक ‘ब्राइट स्पॉट’ बनकर उभरा है. वर्ष 2014 में सरकार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी नीति और योजनाओं में ग्रामीण भारत की सूरत बदलने का बड़ा संकल्प लिया. इस लिहाज से शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन आज 11.72 करोड़ से ज्यादा शौचालय के निर्माण के साथ दुनिया में मानव व्यवहार में परिवर्तन का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. इससे भारत के ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी में जो बेहतरी आई, उसकी सराहना विश्व की कई शीर्ष संस्थाओं ने की है.
जल शक्ति मंत्रालय के गठन के बाद हमारी सरकार ने जो बड़े फैसले किए, उनमें बांध सुरक्षा बिल का पास होना महत्वपूर्ण है. आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा बांध पुनर्वास कार्यक्रम लागू करने वाला देश है. आज जब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार के नौ वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा हो रही है तो इस बात का जिक्र भी जरूरी है कि जिस नमामि गंगे मिशन को वर्ष 2014 में शुरू किया गया था, उस मिशन को संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया की ऐसी शीर्ष दस प्रयासों में स्थान दिया है, जिसने प्राकृतिक दुनिया बहाली में बढ़ी भूमिका निभाई है.
आज जल जीवन मिशन के तहत देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंच रहा है. पिछले एक साल में हमने जितने कनेक्शन दिए हैं, उतने में हम जापान या मिस्र के हर घर तक पानी पहुंचा देते. जेजेएम के तहत हम एक साल में 19 करोड़ घरों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे हैं. जल की उपलब्धता सीमित है. विकास और शहरीकरण के बढ़े जोर के साथ जल के उपयोग और भूजल के दोहन में खतरनाक रूप से तेजी आई है. भारत ने इस स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए जल संरक्षण का बड़ा अभियान छेड़ा है. ‘जल शक्ति अभियान : सीटीआर’ के तहत हम सभी जल स्रोतों के संरक्षण और उनके संवर्धन के लिए राष्ट्रव्यापी प्राथमिकता के साथ कार्य कर रहे हैं.
जल क्षेत्र में हमारे ये बढ़े कदम व्यापक जनभागीदारी का आदर्श उदाहरण है. जन सहभाग और जन सामर्थ्य के बूते हम दिशा में इतना इतना आगे बढ़ चुके हैं कि एक वर्ष पहले जब प्रधानमंत्री जी ने 15 अगस्त, 2023 तक 50 हजार अमृत सरोवरों के निर्माण का आह्वान किया तो पूरा देश इस अभियान में जी-जान से जुट गया. अब तक 40 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण जहां पूरा हो चुका है, वहीं 99,527 से ज्यादा स्थल सरोवर के लिए चिह्नित किए जा चुके हैं. आज हमारे लिए यह गर्व की बात है कि भारत आज 240 अरब डॉलर से अधिक के निवेश के साथ जल क्षेत्र सर्वाधिक व्यापक लक्ष्य के साथ कार्य करने वाला शीर्ष देश है.
प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने नौ वर्षों में जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे अपूर्व और ऐतिहासिक हैं. इन वर्षों में सरकार ने सुशासन और गरीब कल्याण से लेकर अर्थव्यवस्था तक विकास का एक ऐसा सर्वसमावेशी और सर्वस्पर्शी मॉडल दिया है, जिससे हर स्तर पर जीवन में खुशहाली दिख रही है. कोविड की वैश्विक मार के बीच हमने इस महामारी की चुनौती का मुस्तैदी से मुकाबला किया. हमारी सरकार ने न केवल टीकाकरण का रिकॉर्ड कायम किया, बल्कि इस मुश्किल समय में 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मदद भी पहुंचाई. इसी प्रकार, करोड़ों की संख्या में जनधन खाते खोलना, ग्रामीण भारत के करीब 12 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण सुनिश्चित करना, तीन करोड़ पक्के घरों का निर्माण, 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से शुद्ध जल की आपूर्ति आदि सरकार की उपलब्धियां, इस हकीकत की तस्दीक करती हैं कि बीते नौ वर्षों में देश के आम लोगों के जीवन में समृद्धि आई है, उनके अच्छे दिन आए हैं.
आज विनिर्माण गतिविधियों, कृषि, खनन और निर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन तथा निजी निवेश के दम पर देश की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर रफ्तार से आगे बढ़ी है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय से जाड़ी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी है. ऐसा तब हुआ, जब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की आहट और विकास दर घटने का अनुमान लगा रही है. साफ है कि मजबूत और प्रभावी नीतियां आर्थिक मोर्चे पर भारत की तस्वीर बदल रही हैं.
मोर्गन स्टेनले की हालिया रिपोर्ट में भी इस बात की चर्चा की गई है कि एक तरफ जहां पूरा विश्व मंदी से बचने के समाधान तलाशने में लगा है, वहीं दूसरी तरफ भारत के आर्थिक विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है. रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि आर्थिक मोर्चे पर पिछले 10 वर्षों में व्यापक बदलाव हुए हैं, जिसका नतीजा है कि आगामी आठ वर्षों में वैश्विक बाजार में भारतीय निर्यात की हिस्सेदारी दोगुनी होकर 4.5 प्रतिशत हो जाएगी. वर्ष 2032 तक प्रति व्यक्त आय मौजूदा 2,200 डॉलर से बढ़कर 5,200 डॉलर हो जाएगी.
‘मेक इन इंडिया’ के तहत आज रक्षा उत्पाद जैसे क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है. इसी तरह सरकार के आर्थिक प्रोत्साहन से भारत ‘ग्लोबल स्टार्टअप हब’ बनकर उभरा है. भारत इस समय सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर दुनिया की 5वीं तो क्रय शक्ति समानता के संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जल्द ही हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यावस्थाओं में होंगे.
वर्ष 2014 से पहले तक जिस देश की सरकार पॉलिसी पैरालाइसिस के संकट से जूझ रही थी, आज वह दुनिया की नजर में में एक ‘ब्राइट स्पॉट’ बनकर उभरा है. वर्ष 2014 में सरकार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी नीति और योजनाओं में ग्रामीण भारत की सूरत बदलने का बड़ा संकल्प लिया. इस लिहाज से शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन आज 11.72 करोड़ से ज्यादा शौचालय के निर्माण के साथ दुनिया में मानव व्यवहार में परिवर्तन का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. इससे भारत के ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी में जो बेहतरी आई, उसकी सराहना विश्व की कई शीर्ष संस्थाओं ने की है.
जल शक्ति मंत्रालय के गठन के बाद हमारी सरकार ने जो बड़े फैसले किए, उनमें बांध सुरक्षा बिल का पास होना महत्वपूर्ण है. आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा बांध पुनर्वास कार्यक्रम लागू करने वाला देश है. आज जब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार के नौ वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा हो रही है तो इस बात का जिक्र भी जरूरी है कि जिस नमामि गंगे मिशन को वर्ष 2014 में शुरू किया गया था, उस मिशन को संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया की ऐसी शीर्ष दस प्रयासों में स्थान दिया है, जिसने प्राकृतिक दुनिया बहाली में बढ़ी भूमिका निभाई है.
आज जल जीवन मिशन के तहत देश के 12 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंच रहा है. पिछले एक साल में हमने जितने कनेक्शन दिए हैं, उतने में हम जापान या मिस्र के हर घर तक पानी पहुंचा देते. जेजेएम के तहत हम एक साल में 19 करोड़ घरों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे हैं. जल की उपलब्धता सीमित है. विकास और शहरीकरण के बढ़े जोर के साथ जल के उपयोग और भूजल के दोहन में खतरनाक रूप से तेजी आई है. भारत ने इस स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए जल संरक्षण का बड़ा अभियान छेड़ा है. ‘जल शक्ति अभियान : सीटीआर’ के तहत हम सभी जल स्रोतों के संरक्षण और उनके संवर्धन के लिए राष्ट्रव्यापी प्राथमिकता के साथ कार्य कर रहे हैं.