Atal Bihari Bajpai: राजस्थान में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और कड़ी मेहनत के फलस्वरूप भाजपा सरकार का गठन हो चुका है, लेकिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से जुड़ा एक ऐसा किस्सा है, जिसे मेवाड़ की जनता सालों बाद आज भी याद करती है.


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दरअसल साल 1980 में उदयपुर में बेहद ही रोमांचक मुकाबला देखने को मिला था, जब कांग्रेस की ओर से शेषमल पगारिया और भाजपा के दिग्गज नेता रहे गुलाबचंद कटारिया के बीच कांटे की टक्कर थी. कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था, उदयपुर के गांधी ग्राउंड में एक बड़ी आम सभा का आयोजन किया गया था. भगवंत सिंह मेवाड़ और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार इस सभा को संबोधित कर चुके थे और वक्त शाम के 5:00 बजे से ऊपर हो चला था. सभा समाप्त हो गई, लेकिन अटल बिहारी वाजपेई सभा में नहीं पहुंच सके.


जब आए वाजपेई..


उनका विमान देर रात उदयपुर पहुंचा. इसके बाद योजना बनी कि पूर्व प्रधानमंत्री को जीप में खड़ा करके जनसंपर्क पर ले जाया गया. इस दौरान माइक और नारेबाजी न करने की अपील की गई. यह योजना सफल रही, बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अटल बिहारी वाजपेई जीप में सवार होकर उदयपुर की सड़कों पर निकल पड़े. लोग अचानक वाजपेई को देखकर हतप्रभ रह गए. लोगों ने दिल खोलकर उनका स्वागत किया.


हालांकि इसकी शिकायत कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल सुखाड़िया ने निर्वाचन विभाग में कर दी. अंत: फैसला अटल बिहारी वाजपेई के पक्ष में आया और निर्वाचन विभाग ने कहा कि प्रचार बंद होने के बाद जनसंपर्क किया जा सकता है. इस घटना को आज भी भाजपा के कार्यकर्ता और मेवाड़ की जनता याद करती हैं. इस चुनाव में कटारिया की जीत हुई थी.


आज अटल बिहारी वाजपेई की जयंती है और इसे प्रदेश की भजन लाल सरकार सुशासन दिवस के रूप में मान रही है


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