Jaipur : केंद्रीय संसदीय कार्य और कोयला मंत्री और राजस्थान बीजेपी चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने राहुल गांधी और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. जोशी ने राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजस्थान में अपराध ही इसका अर्थ है. वन नेशन और वन इलेक्शन पर अपनी बात रखी और वहीं जोशी ने इंडिया अलायंस पर भी निशाना साधा.


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बीजेपी प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी शुक्रवार को जयपुर पहुंचे. जयपुर एयरपोर्ट पर जोशी ने मीडिया से बात में कहा कि राहुल गांधी सारे देश में वॉकिंग करके बता रहे हैं कि हम मोहब्बत की दुकान खोलेंगे. कांग्रेस की राजस्थान सरकार में मोहब्बत की दुकान का अर्थ दलित पर अत्याचार, संत महंतों की हत्या, मासूमों और महिलाओं पर गैंगरेप दुष्कर्म , लाल डायरी में भ्रष्टाचार, पेपर लीक, किसानों को धोखा, गैंगवार, अवैध खनन, अंतरविरोध और अंतर्कलह है . यह राहुल गांधी कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान है. डिग्गी में संत की हत्या, करौली, धौलपुर भी संतों महंतों पर अत्याचार हुआ है. मुझे लगता है कि सरकार हो रहे अत्याचारों को सपोर्ट कर रही है. एक मंत्री राजस्थान विधानसभा में कहते हैं कि मर्दों का प्रदेश है फिर क्यों नहीं दुष्कर्म गैंग रेप बढ़ेंगे. 


पूरा सपोर्ट सिस्टम अपराधियों के लिए- जोशी


महिला पर अत्याचर, भ्रष्टाचार, संत महंतों की हत्या, कांग्रेस पाटी गहलोत के नेतृत्व और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा सपोर्ट सिस्टम है अपराधियों के लिए . जोशी ने कहा कि राजस्थान में इतना ज्यादा अत्याचार व मर्डर हो रहे हैं कि देश में नम्बर वन है यह तो पक्का है. अशोक गहलोत को एक मिनट भी सरकार में रहने का अधिकार नहीं है. दुनिया के कई देशों में सुशंस्कृतिक नागरिक सरकार है, इन सारे देशों को देखें तो राजस्थान के सीएम कुर्सी पर बैठने की नैतिकता छोड चुके हैं , लेकिन सीएम ने कुर्सी पर बैठने की मोह छोड़ नहीं रहे हैं.



कैलाश मेघवाल को सलाह, सीनियर नेता ऐसा मत करो


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल को लेकर प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कहा कि कैलाश मेघवाल का पहले से ही पार्टी की लाइन से हटकार बात करने का स्वभाव है. मैं अपील करता हूं कि ऐसे मत करो, आप सीनियर नेता हैं. नोटिस दिया गया है जवाब दे दो, यह अच्छा नहीं है,लेकिन फिर बीजेपी अपने हिसाब से कार्रवाई करेगी.


अभी तो कमेटी गठित की है, काम बाकी है


वन नेशन वन इलेक्शन पर चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी और सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने जो कहा कि अभी तो कमेटी का गठन किया गया है. ये एक दिन में निर्णय नहीं लिया जा सकता इतना तो उन्हें समझ आना चाहिए. चर्चा तो होगी ही. समुद्र मंथन के बाद ही अमृत निकला था. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि इसकी अवधारणा आज की नहीं है. 1967 देश में एक ही चुनाव होते थे


1983 लॉ कमीशन ने फिर से रिकमेंडेशन दी थी कि एक साथ चुनाव होने चाहिए. 2017 में नीति आयोग ने भी इसकी अनुशंसा की थी. हर राजनीतिक दल यही चाहता है कि एक साथ चुनाव हो, ऐसा होने से फिजूल खर्ची में बचत होगी. आचार संहिता से जो विकास के कार्य रुक जाते थे उनको गति मिलेगी.


कांग्रेस के बयान पर राठौर ने किया पलटवार करते हुए कहा 1967 से लेकर 2014 तक कौन सा डर था. भाजपा ने तो अपने घोषणा पत्र में 2014 में ही इसको शामिल किया था. जो डरता है उसको डर ही दिखाई देता है. यह सारे के सारे डरपोक हैं. देश की भलाई के लिए क्यों नहीं सारे एक साथ आ जाते हैं? संसद सत्र बुलाने के मामले पर जोशी व राठौड़ ने कहा कि जो भी मुद्दे होंगे पार्लियामेंट के वह आपको बताएंगे. इंडिया एलायंस बहुत वर्षों से सत्ता में रहे हैं. उनको पता ही यह प्रोसेस हैं. जो भी एजेंडा होगा वह मीटिंग में बता देंगें.


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