Jaipur News: उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि एसडीएम कार्यालय लूट के अड्डे बन गए हैं. उनको सचिवालय से आदेश मिलते हैं. विधानसभा में राजस्व विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राजस्व अदालतों की व्यवस्था पर सवाल उठाया. 


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उन्होंने कहा कि छह लाख 90 हजार मामले लम्बित हैं. इनमें से 65,726 मामले रेवन्यु बोर्ड में पैंडिंग हैं. जयपुर जिले में 37 हजार राजस्व प्रकरण बकाया है. इनमें अधिकतर मुकदमे 5 साल से पुराने हैं.


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राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मामला लड़ने में गिरदावर से कलक्टर तक पीढ़ियां घिस जाती हैं. पटवारी बस्ता लेकर कार में बैठकर सौदेबाजी में लगे रहते हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि पटवारी को पाबंद किया जाना चाहिए कि वे ग्राम पंचायत मुख्यालय में उपस्थित मिले. उन्होंने कहा कि रेवन्यू कानून में चार सौ संशोधन किए गए हैं. ये संशोधन ही भ्रष्टाचार की जड़ हैं. इसकी व्याख्या में गली निकालकर गड़बड़ी की जाती है. इसकी समीक्षा कर रिराइट करने की आवश्यकता है.


मिजाजफुर्सी और प्रोटोकॉल में लगे रहते अधिकारी
उपखंड और जिला स्तर पर कार्यशैली को लेकर उन्होंने कहा कि एसडीएम और कलक्टर वर्षों तक आदेश नहीं करते. वे काम के बजाय अफसरों नेताओं की मिजाजफुर्सी और प्रोटोकॉल में लगे रहते हैं. सरकार को प्रोटोकॉल और राजस्व मामलों की सुनवाई के लिए अलग-अलग अधिकारी तैनात करना चाहिए. अलवर के टहला मामले को लेकर उन्होंने कहा कि 2500 बीघा जमीन का आवंटन बैकडेट में कर दिया गया. एसडीएम की बजाय छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई की गई. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. जयपुर में टाटियावास की मन्दिर माफी जमीन का जिक्र करते हुए कहा कि 100 करोड़ की जमीन किसी के नाम कर दी गई.


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पटवारी का कोई स्थाई कार्यालय नहीं 
राठौड़ बोले कि राजस्व विभाग के मुकदमे निस्तारण होने में पीढ़ियां खप जाती हैं. पटवारी का कोई स्थाई कार्यालय नहीं है, वह गाड़ी में बसता खोलकर किसानों को लूटने में लगा है. पटवारी ग्राम पंचायत के कार्यालय में बैठे ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए.


जातीय आरक्षण विसंगति शब्द का मामला उठाया
राजेन्द्र राठौड़ ने सदन में जातीय आरक्षण विसंगति शब्द का मामला उठाया. धाणका और धानक्या शब्द को लेकर लोग सर्टिफिकेट के लिए भटक रहे हैं. ऐसे ही नायक और नायकडा में भी विवाद है. सरकार को आदेश जारी कर इस विसंगति को दूर करना चाहिए. राठौड़ बोले रामगढ़ बांध में टेनेंसी एक्ट का खुला उल्लंघन करके रसूखदारॉ को जमीन अलॉट की गई.


कानून संशोधन के प्रयास, पहले सेलेक्ट कमेटी में
राठौड़ ने कहा कि लैंड रिवेन्यू एक्ट और लैंड टेनेंसी एक्ट में संशोधन को लेकर विधानसभा में कई बार मामला आया लेकिन सेलेक्ट कमेटी में चला गया. राठौड़ ने राजस्व मंत्री से आग्रह किया इन दोनों कानूनों की समीक्षा कर  नए सिरे से तैयार किया जाना चाहिए. 


मामलों का नहीं करते निस्तारण
राठौड़ ने कहा कि मेड़बंदी और रास्ते के विवाद को लेकर राजस्थान में खून खून का प्यासा हो गया. तहसीलदार एसडीएम वर्षों तक इन मामलों का निस्तारण नहीं करते, यह अधिकारी मिजाजफुर्सी में लगे रहते हैं.
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में न्यायिक राजस्व मामलों के विवादों को निपटाने के लिए अलग अधिकारी और कानून व्यवस्था और प्रोटोकॉल के लिए अलग अधिकारी लगाना चाहिए. इसके लिए सरकार को विचार करना चाहिए.