Rajasthan : बाड़मेर में भरी सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क्षत्रीय युवक संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर का जिक्र करते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा था और संघ प्रमुख से अपील की थी कि वो शेखावत से कहकर निवेशकों के पेशे वापिस लौटाएं. अब इस मामले में क्षत्रीय युवक संघ का "कठोर" जवाब सामने आया है. संघ की ओर से लिखे गए पत्र में ये साफ किया गया है कि भगवानसिंह की छवि के अनुरूप संघ "टूल" नहीं बनेगा. पत्र में ये भी कहा गया कि संजीवनी के बहाने राजपूत समाज के "उदीयमान नेता" की छवि को खराब करने का प्रयास हो रहा है.


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प्रताप फाउंडेशन के संयोजक महावीर सिंह सरवड़ी की ओर से लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों का जवाब देते हुए उनके बयान को राजनीति से प्रेरित और षड़यंत्र की आशंका वाला बयान बयाता. साथ ही राजपूत समाज के नेता स्व. भैरोसिंह शेखावत और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का भी जिक्र किया गया और कहा कि कैसे कैसे इन नेताओं के राजनीतिक करियर को भी खत्म करने के लिए कई षड़यंत्र रचे गए थे.


सचिन पायलट का नाम लिए बिना पत्र में लिखा गया है कि कैसे कांग्रेस पार्टी के ही एक युवा नेता को नैपथ्य में भेजने के लगातार प्रयास हो रहे है.


गजेंद्र सिंह शेखावत का बचाव


महावीर सिंह की ओर से लिखे गए पत्र में गजेंद्र सिंह शेखावत का बचाव करते हुए कहा कि समाज के उदीयमान नेता गजेंद्र सिंह शेखावत के राजनीतिक जीवन को भी वैसे ही प्रश्नगत करने के प्रयास हो रहे है जैसे किसी वक्त में राजेंद्र राठौड़ के राजनीतिक जीवन को समाप्त करने के प्रयास हुए थे.


"संघ प्रमुख की छवि गैर राजनीतिक"


पत्र में कहा गया कि संघप्रमुख भगवानसिंह की छवि पूरी तरह से गैरराजनीतिक है. पूज्य तनसिंह के अनुयायी है. भगवानसिंह ने भी तनसिंह की तरह ही मर्यादाओं के उच्च मानदंडों के साथ जीवन जिया है. ऐसे में उनका नाम लेकर ऐसी बयानबाजी निर्रथक है.