Pratap Singh Khachariyawas Vs Munesh Gurjar : चुनावी साल में मैदान तैयार हो रहा है. हर किसी खिलाड़ी को दांव लगाने का मौका मिल रहा है. कोई अपना दांव पहले चल चुका, तो कोई पैंतरा चलने की तैयारी में है. चुनावी मौसम की इसी तरह की हलचल के बीच अब जयपुर हैरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर विधानसभा टिकिट पर दावेदारी जताने की तैयारी में है. मुनेश गुर्जर सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र से पार्षद हैं और इसी क्षेत्र से टिकिट पर दावेदारी भी जताएंगी. पिछले दिनों निलम्बन और हाईकोर्ट से पद बहाली कराने वाली मुनेश गुर्जर ने मन्त्री और सिविल लाइन विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ़ मोर्चा खोलने की पूरी तैयारी कर ली है.


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राजनीति में हर किसी का दांव होता है. लेकिन उस दांव के लिए कई बार सही वक्त का इन्तज़ार भी करना पड़ता है. पिछले दिनों जयपुर शहर की राजनीति में हुई उठापठक का असर अब कांग्रेस पार्टी में टिकिट की दावेदारी के माहौल में देखने को मिल रहा है. जयपुर में हैरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा. महापौर खुद उस वक्त घर पर ही मौजूद थीं. लिहाजा सरकार ने उनका भी निलम्बन कर दिया. मुनेश गुर्जर ने भी हाईकोर्ट में अर्जी लगाई, निलम्बन को कोर्ट ने खारिज किया और महापौर की पद पर बहाली हुई. अब मुनेश गुर्जर ने भी हाईकोर्ट से रिलीफ़ पाने के बाद अपने क्षेत्र के विधायक के खिलाफ़ आती दिखाई दे रही हैं.


मुनेश गुर्जर की सिविल लाइन क्षेत्र से दावेदारी होती है तो इसे सीधे तौर पर मन्त्री प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनौती के रूप में देखा जाएगा. हैरिटेज नगर निगम में जब ओबीसी महिला के लिए महापौर पद की बात आई थी तब कांग्रेस के पास बहुत सीमिति विकल्प थे और उस दौर में प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुनेश गुर्जर को महापौर बनाने के लिए समर्थन किया था. लेकिन अब वही समर्थन मन्त्री प्रताप सिंह के विरोध में उतरता दिख रहा है. भले ही मुनेश गुर्ज की दावेदारी को प्रदेश चुनाव समिति गम्भीरता से ले या नहीं लेकिन एक बारगी तो दावेदारी रखकर मुनेश गुर्जर ने अपने ही खैरख्वाह के खिलाफ़ बगावत का झण्डा उठाने की तैयारी तो कर ही ली है.